भागलपुर में चर्चे का विषय बना करोड़पति चायवाला, करोड़पति होने का बताया सच्चाई।

 

भागलपुर बिहार में ग्रेजुएट चाय वाली की चर्चा तो आप सभी ने सुनी होगी अखबार सोशल मीडिया पर भी सुर्खिया खूब बटोरी। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, भागलपुर के एक नौजवान की जिन्होंने अपने दुकान का नाम करोड़पति चाय वाला रखा है। खास बात यह है की दुकान का नाम तो करोड़पति चाय है लेकीन छोटी से रेड़ी में अमूमन मध्यम वर्गीय के लोग चाय पीने आते हैं। यह चाय की रेड़ी तिलकामांझी चौक से करीब 100 मीटर दूरी पर है। जिसकी चुस्कियां लेने के लिए सवेरे से ही लोगों का तांता लगा रहता है। करोड़पति चाय के दुकान को संचालित करने वाले अपना नाम दीपक यादव बताते हैं।

2 साल बेंगलुरु में रहकर पढ़ाई की और ग्रेजुएट होने बावजूद बेरोजगारी से तंग आकर उन्होंने चाय बेचने की सोची बांका जिले के अमरपुर के छोटे से कस्बे से तालुक्कात रखने वाले दीपक का कहना है वे किसी भी काम को छोटा नहीं समझते और नौकरी के अभाव में करोड़पति चाय का स्टॉल लगा लिया। वहीं छोटे से स्टॉल का नाम करोड़पति रखने के पीछे का कारण दीपक ने बताया की करोड़पति हो या रोडपति चाय सभी के जीवन का हिस्सा जिसको देखते हुऐ उन्होंने अपनी रेड़ी का नाम करोड़पति रखा। अपनी चाय की खास बात उन्होंने बताई की शुद्ध दूध से चाय बनाई जाती है। वहीं आम जगहों से यह काफ़ी सस्ता भी रहता है। साथ ही कहा की चाय के दूकान से ही उनका भरण पोषण होता है। जबकि करोडपति चाय के दुकान के नाम से लोग आकर्षित भी हो रहे हैं और धीरे धीरे जिले में इसकी चर्चा भी हो रही है। दीपक यादव ग्रेजुएट है बहरहाल सवाल यह है की सरकार एक तरफ़ युवाओं को रोजगार देने का दावा करती है वहीं दीपक जैसे पढ़े लिखे यूवा को सड़क चाय बेचने की नौबत क्यों आती है।

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