सुप्रीम कोर्ट ने माना देह व्यापार वैध पेशा, कहा- इन्हें परेशान ना करे पुलिस

Rajan Singh

NEWSPR DESK– इस वक्त की बड़ी खबर आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस को आदेश जारी किया है कि उन्हें सेक्स वर्कर्स के काम में हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए कोर्ट ने सेक्स वर्क को प्रोफेशन मानते हुए कहा कि पुलिस को व्यस्त और सहमति से सेक्स वर्क करने वाली महिलाओं पर अपराधिक कार्यवाही नहीं करनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सेक्स वर्कर भी कानून के तहत गरिमा और सम्मान सुरक्षा के हकदार हैं।

वही आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव वी आर गवाही और बोपन्ना की देश में सेक्स वर्क अधिकारों को सुरक्षित करने का दिशा निर्देश दिया है जिसके तहत से निर्देश जारी करते हुए कहा कि सेक्स वर्क भी कानून के समान संरक्षण के हकदार बनती है।

कोर्ट का कहना है कि जब यह साफ हो जाता है कि सेक्स वर्कर व्यस्त हैं और अपनी मर्जी से या काम कर रही है तो पुलिस को हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए अपराधी कार्रवाई करने से बचना चाहिए कोर्ट ने कहा कि इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जब भी पुलिस छापामारी तो सेक्स वर्कर को गिरफ्तार या परेशान ना करें क्योंकि इच्छा से सेक्स वर्कर में शामिल होना अवैध नहीं है सिर्फ वेश्यावृत्ति चलाना गैरकानूनी है।

कोर्ट का यह भी कहना है कि महिला सेक्स वर्कर है फिर इसलिए उसके बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए मौलिक सुरक्षा और सम्मान पूर्वक जीवन का अधिकार सेक्स वर्कर और उनके बच्चे को भी है अगर नाबालिक को वैसे बेटी में रहते हुए पाया जाता है या सेक्स वर्कर के साथ रहते हुए पाया जाता है तो ऐसा नहीं माना जाना चाहिए कि बच्चा तस्करी करके लाई दिया है कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्कर को भी नागरिकों के लिए संविधान में तक सभी बुनियादी मानवाधिकार और अन्य अधिकार का हक है।

Share This Article