ऐतिहासिक महत्त्व की साढ़े 6 फ़ीट ऊंची मूर्ति मिली, कई लोग गौतम बुद्ध कह रहा है तो कई लोग बता रहे है यक्ष

NEWSPR डेस्क। भागलपुर में पुरातात्विक महत्त्व की गौतम बुद्ध के जैसी लग रही एक आदमकद प्राचीन मूर्ति मिली है। इसकी ऊंचाई साढ़े छह फीट के करीब है। इस मूर्ति को जिला मुख्यालय से करीब 24 किमी पश्चिम में स्थित शाहकुंड प्रखंड में खुदाई के दौरान प्राप्त किया गया है। प्रखंड के खेरही कस्बा के मिश्रा टोला में मोतीलाल मिश्रा की जमीन पर नाले की खुदाई हो रही थी।

इसी बीच मजदूर का कुदाल किसी ठोस पत्थर से टकराया। आसपास के लोगों ने मजदूरों को सहेज कर खुदाई करने के निर्देश दिए। फिर सहूलियत से खुदाई शुरू हुई, जिस दौरान ढ़ाई फीट नीचे यह मूर्ति मिली। इस आदमकद प्राचीन मूर्ति के मिलने से स्थानीय लोग भौचक्के रह गए हैं। स्थानीय युवाओं और बच्चों में मूर्ति के साथ फोटो और सेल्फी लेने की होड़ लग गई।

मूर्तिकला की कई विशिष्टताओं से युक्त इस प्रतिमा के गले में कंठहार, सिर पर योद्धाओं के द्वारा धारण किये जानेवाले शिरस्त्राण तथा कमर में मेखला है। ऐसा श्रृंगार इस सर्वतोभद्रिका मूर्ति के सौंदर्य को बढ़ा रहा है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष डॉ. बिहारीलाल चौधरी ने प्राप्त मूर्ति का परीक्षण किया है।

उन्होंने बताया कि यह पालकालीन विशेषताओं से युक्त है। इस हृष्ट-पुष्ट कायावाली मूर्ति में लिंग प्रदर्शित है जो तंत्रयान का प्रभाव लिये हुए है। पहली नजर में देखने पर यह यक्ष जैसी लग रही है। उन्होंने कहा कि मूर्ति के साथ पकी हुई मिट्टी के बने हुए एक बर्तन का अग्रभाग भी मिला है, जो चिलम जैसा प्रतीत होता है। इसे तांत्रिक क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है।

भागलपुर जिले के कहलगांव में प्राचीन विक्रमशिला बौद्ध महाविहार अवस्थित है जो तंत्रयान का एक प्रमुख केंद्र है। कुछ दिन पहले भी यहां दो प्राचीन मूर्तियां मिली थीं, जिन्हें ग्रामीण संरक्षित किये हुए हैं। इस संबंध में इतिहास के जानकार पूर्व उप-जन सम्पर्क निदेशक शिव शंकर सिंह पारिजात ने बताया कि ऐतिहासिक खेरही पहाड़ी पर पूर्व में प्राचीन शंखलिपि के साथ कई महत्वपूर्ण मूर्तियां मिली हैं। यहां पाल काल के उपरांत राजा शशांक की उप राजधानी भी थी, जहां उनका स्कंधावर था। खेरही में भी पूर्व में केवल नरसिंह की एक प्राचीन मूर्ति मिली थी।

एस एम कालेज के प्राचार्य इतिहासविद प्रो. रमन सिन्हा का कहना है कि प्राचीन अंग क्षेत्र के भागलपुर के गुवारीडीह तथा बांका जिला के भदरिया के साथ शाहकुंड में पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। जरुरी है कि इन जगहों की शीघ्रातिशीघ्र खुदाई कराई जाए।

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