लॉ एंड आर्डर पर CM की हाईलेवल बैठक में शराबगाथा : नीतीश बोले- जाम पर लगाम लगाये पुलिस, हमें बदनाम करने की हो रही कोशिश

NEWSPR डेस्क। बिहार में हत्या, लूट और दूसरी आपराधिक घटनाओं के बीच आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीसरी दफे लॉ एंड पर समीक्षा बैठक की. पुलिस के तमाम आलाधिकारी इस बैठक में मौजूद थे. बैठक में नीतीश कुमार ने कहा-वे तो छात्र जीवन से ही शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं. बिहार पुलिस शराबबंदी को सख्ती से लागू कराये.

पुलिस अधिकारियों से क्या कहा मुख्यमंत्री ने

लॉ एंड आर्डर पर हुई इस हाईलेवल बैठक में नीतीश कुमार के साथ साथ बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और तमाम आला पुलिस अधिकारी मौजूद थे. नीतीश कुमार बोले “हम तो छात्र जीवन से ही शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं. 1977 में कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी लेकिन उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शराबबंदी खत्म हो गयी. महिलाओं की मांग पर हमने बिहार में शराबंबदी लागू की है. इससे बिहार के लोगों को बहुत फायदा हुआ है.” लॉ एंड आर्डर पर हुई इस बैठक में नीतीश कुमार ने बताया कि अब रिपोर्ट आ गयी है कि शराब पीने से कोरोना के वैक्सीन का असर कम हो जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी रिपोर्ट में बता चुका है कि शराब पीने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं. नीतीश बोले-मैं इनके बारे में अक्सर लोगों को बताता रहता हूं. शराब पर इतनी विस्तृत जानकारी लॉ एंड आर्डर पर हो रही हाई लेवल बैठक में दी जा रही थी.

शराबबंदी पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं
नीतीश कुमार ने अपने अधिकारियों को कहा कि शराबबंदी पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. पुलिस शराबबंदी का सख्ती से पालन कराये और धंधेबाजों के खिलाफ कार्रवाई करे. अगर बिहार में शराब की सप्लाई में राज्य से बाहर के लोग शामिल हैं तो उनकी भी पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.

 

बदनाम करने की हो रही साजिश
नीतीश कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये बिहार के बारे में निगेटिव बातें फैलायी जा रही हैं. पुलिस अधिकारियों को बिहार में हो रहे बेहतर काम के बारे में लोगों को बताना चाहिये.

 

बिहार में सुधर गये हैं हालात

बिहार में ताबड़तोड़ क्राइम से सरकार की फजीहत हो रही है. लेकिन नीतीश ने सरकार और पुलिस की विफलता मानने से इंकार कर दिया. लॉ एंड आर्डर की बैठक में उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार की सड़कें खराब थीं, ऐसे में सड़क पर जा रहे लोगों को रोक कर लूट-पाट की घटनायें बहुत होती थीं. 2005 के बाद सड़कें ठीक हुई और लॉ एंड आर्डर की स्थिति भी सुधर गयी. बिहार के लोगों को इसका काफी लाभ मिल रहा है.

 

भूमि विवाद के कारण हो रहा अपराध

नीतीश कुमार ने कहा कि 60 फीसदी अपराध भूमि विवाद के कारण हो रहा है. लिहाजा भूमि विवाद को दूर करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये. हर जिले में डीएम और एसपी महीने में एक दफे, एसडीओ और एसडीपीओ 15 दिनों में एक बार और अंचल अधिकारी और थानेदार सप्ताह में एक बार साथ बैठें और भूमि विवाद के मामलों को निपटायें. शनिवार को हर थाने में चौकीदार परेड हो और चौकीदार गांवों की जानकारी थानेदार को दे, जिसके बाद थानेदार कार्रवाई करे.

 

नीतीश कुमार ने कहा कि स्पीडी ट्रायल को फिर से पटरी पर लाना होगा. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अभियोजन पदाधिकारी और सरकारी वकील के साथ नियमित रूप से बैठक करें. केस का रिव्यू हो और उसे अंजाम तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून को लेकर जिलाधिकारी सजग रहें. इसका लाभ लोगों को मिले यह सुनिश्चत करें. मुख्यमंत्री ने ओवरलोडिंग और ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा.

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