बड़ी खबर- फर्जी सिम रैकेट का भंडाफोड़, 16 हजार कार्ड बरामद, पुलिस ने सात लोगों को किया गिरफ्तार

NEWSPR डेस्क। ओडिशा के कटक कथित रूप से एक बड़े साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने कार्रवाई कर यहां सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से 16 हजार सिम कार्ड बरामद हुए हैं. सूत्रों की माने तो इस दौरान 150 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. कहा जा रहा कि ये आरोपी राज्य के बाहर साइबर अपराधियों को पहले से एक्टिवेट सिम मुहैया कराते थे.

पुलिस आयुक्त सौमेंद्र प्रियदर्शी ने बताया यह रैकेट पहले से एक्टिवेट सिम कार्डों की व्यवस्था कर काम करता था. इन्हें बाहर मौजूद अन्य गैंग को साइबर क्राइम्स के लिए भेजा जाता था. इनमें ज्यादातर राजस्थान भेजे जाते थे. उन्होंने कहा, भुवनेश्वर में एक मामले की पड़ताल के दौरान हमें पता लगा कि ऐसा एक रैकेट भद्रक शहर में संचालित हो रहा है. एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि रैकेट के सदस्य निजी टेलीकॉम कर्मियों की मदद से इन सिम कार्डों को अपराधियों तक पहुंचाते थे.

पहले से एक्टिवेट सिम कार्डों का इस्तेमाल ज्यादातर साइबर अपराधी करते हैं. क्योंकि इन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए हासिल किया जाता है और अगर जांच की जाए, तो कागजातों के बल पर उन लोगों तक नहीं पहुंचा जा सकता, जो इनका उपयोग कर रहे हैं. प्रियदर्शी ने बताया कि आरोपी फर्जी आईडी के जरिए सिम एक्टिवेट करते थे.

पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी डिस्ट्रीब्यूटर्स पर ज्यादा सिम कार्ड बेचने का दबाव है. ऐसे में गैंग ने उनकी इस स्थिति का फायदा उठाया और एक ही परिचय पत्र के जरिए काफी सारे सिम कार्ड एक्टिवेट कर लिए. आंकड़े बताते हैं कि बीते साल कोविड-19 महमारी के दौरान ओडिशा में साइबर क्राइम में 31 फीसदी बढ़त हुई है. इनमें से ज्यादातर अपराध ऑनलाइन लेनदेन से जुड़े हैं.

राज्य में इस भंडाफोड़ के बाद सिम वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं. जानकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि इन सिम कार्डों के वितरक के अलावा टेलीकॉम अपरेटर्स पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

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