बिहार में ‘योगी मॉडल’ की एंट्री? शराब तस्कर को ठोक कर बोली पुलिस- ये हमारी कामयाबी

NEWSPR डेस्क। पटना बिहार का आपराधिक ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। अपराधी बेखौफ हैं और पुलिस क्राइम कंट्रोल करने के जुबानी दावे कर रही है। दरअसल, एक सीनियर अधिकारी यह कहते हैं कि पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं, वरना क्राइम कंट्रोल करना तो उनके बाएं हाथ का खेल है। उनका कहना है कि पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती मगर राजनीति नहीं करने देती। अब बिहार के क्राइम कंट्रोल की कमान कड़क मिजाज वाले DGP आरएस भट्टी के कंधे पर है। बिहार की राजनीति भले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मॉडल को स्वीकार नहीं करे। लेकिन क्राइम कंट्रोल के लिए लंबे समय से ‘योगी मॉडल’ की मांग राज्य में उठ रही है। इसकी शुरुआत सोमवार को सीतामढ़ी में देखने को मिली, जब शराब तस्कर प्रिंस कुमार को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया।

सीतामढ़ी जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के बुध नगरा गांव में रविवार की सुबह करीब 3:00 बजे के आसपास पुलिस ने शराब तस्कर प्रिंस कुमार को मार गिराया। गोली प्रिंस के सीने में लगी। पुलिस ने उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं एसपी ने इस पूरी घटना के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह पुलिस की उपलब्धि है। एसपी हर किशोर राय ने कहा कि शराब तस्कर ने पहले पुलिस पर फायरिंग की। जवाब में पुलिस ने गोलियां चलाई। एसपी ने इसे बचाव में की गई कार्रवाई बताया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की तरफ से मात्र एक राउंड फायरिंग हुई। गोली सीधे प्रिंस के सीने में लगी।

एसपी हर किशोर राय ने बताया कि पहली गोली तस्कर के तरफ से चली थी। इसके बाद पुलिस ने एक गोली चलाई, जो सीधे प्रिंस के सीने में जा लगी। इसके बाद गंभीर स्थिति में प्रिंस को अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसपी ने यह भी बताया कि मृतक के पास से एक पिस्तौल मिला। पिस्तौल में मैगजीन लगा हुआ था, उसमें कितनी गोलियां है, यह अभी नहीं देखा गया है। इस एक्शन के बाद ये जरूर कहा जा सकता है बिहार पुलिस का निशाना कितना शानदार है। कैसे एक गोली, एक निशाना, अपराधी ढेर हो गया।

उधर, राज्य में बढ़ते अपराध और बेखौफ अपराधियों के मनोबल को देखकर बिहार में योगी मॉडल की मांग लगातार उठ रही है। भू-माफिया, शराब माफिया और नशे का कारोबार फल-फूल रहा। सोमवार को ही बिहार विधानसभा में पटना के एक बच्चे की अपहरण के बाद हत्या का मुद्दा उठा। जिसे लेकर बिहार में योगी मॉडल का जिक्र होने लगा। हालांकि, आरजेडी के नेताओं ने योगी मॉडल से इनकार किया।

बिहार विधानसभा में मंत्री और जेडीयू नेता जमा खान ने ‘योगी मॉडल’ से पूरी तरह इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह मॉडल बिहार में लागू नहीं होगा। वहीं आरजेडी विधायक भाई बिरेंद्र ने भी क्राइम कंट्रोल के ‘योगी मॉडल’ पर सवाल उठाया। लेकिन बीजेपी के नेता यह मानते हैं कि बिहार को अपराध मुक्त बनाने के लिए ‘योगी मॉडल’ की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो गया है।

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से पुरानी बातचीत में उन्होंने कहा था कि बिहार में क्राइम कंट्रोल करना पुलिस के लिए कोई मुश्किल काम नहीं है। पुलिस चाहे तो वह क्या नहीं कर सकती। लेकिन चाहे क्यों? उन्होंने आगे बताया फैसले ऊपर लिए जाते हैं और ऊपर का आदेश है कि पुलिस को पीपुल फ्रेंडली होना है। उनका इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ था। पूर्व डीजीपी का यह भी मानना था कि हाथ जोड़कर अपराधी नहीं पकड़े जाएंगे। लेकिन अब बिहार के डीजीपी न तो गुप्तेश्वर पांडे हैं और ना ही एसके सिंघल हैं। अब यह कमान डीजीपी आरएस भट्टी के हाथ में है। देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह पीपल फ्रेंडली पुलिस और एक्शन वाली पुलिस के बीच कैसे सामंजस्य बनाते हैं।

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