बेगूसराय में बेलपत्र से बनाई जाती है माता की प्रतिमा, पिछले 400 साल से चली आ रही है प्रथा

NEWSPR डेस्क। बेगूसराय में नवरात्र के अवसर पर लोग माता की भक्ति में डूबे हुए हैं। मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। वही जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के विक्रमपुर गांव में मां दूर्गा की एक ऐसा मंदिर है, जहां नवरात्रि में प्रतिदिन फूल और बेलपत्र से मां जयमंगला की आकृति बनाई जाती है। विक्रमपुर गांव में नवरात्र में बेलपत्र फूलों से ही मां दुर्गा की आकृति बनाई जाती है और विशेष पूजा भी की जाती है।

स्थानीय लोग मां जयमंगला की नवरात्र में पूजा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सबसे पहले मां की प्रतिमा बनाने के बेलपत्र की आकृति बनाई जाती है, उसके बाद फिर विभिन्न तरह के फूल से मां की रूप को स्वरूप दिया जाता है। इस बार मां दुर्गा की आकृति बनाने के लिए फूल कोलकाता से मंगाया गया। बताया जाता है कि लगभग 400 वर्ष पहले जयमंगलागढ़ में बलि देने को लेकर पहसारा और बिक्रमपुर गांव में विवाद हुआ था। तभी नवरात्र के समय बिक्रमपुर गांव के स्व. सरयुग सिंह के स्वप्न में मां जयमंगला आई और कहा कि नवरात्रि के पहले पूजा से लेकर नवमी पूजा के बलि प्रदान तक बिक्रमपुर गांव में ही रहूंगी।

इसके पश्चात मैं गढ़ लौट जाऊंगी। देवी ने स्वप्न में ही पूजा की विधि भी बताई। जिसके बाद से मंदिर में बेलपत्र फूल से मां की आकृति बनाकर पूजा अर्चना की जा रही है। पंकज सिंह, मृत्युंजय सिंह सहित इनके वंशज सदस्य के द्वारा ही मां का स्वरूप दिया जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नवरात्र में हर रोज करीब 2 घंटे में मां की आकृति बनाई जाती है और अगले सुबह में उसे हटा ली जाती है। संध्या के समय मां की आकृति पूर्ण होने के साथ ही मंदिर में पूरी रात धूप-गुंगुल एवं अगरबत्ती जलती है।

 

BIHAR DURGA PUJABIHAR PUJAIn Begusaraithe idol of the mother is made from Belpatra: The practice has been going on for the last 400 years