घर बैठे मोटी रकम लगाओ और चंद मिनटों में अमीर बन जाओ…ऐसा खेल जो खोलता है कंगाली के द्वार

NEWSPR डेस्क। किशनगंज हर कोई अमीर बनना चाहता है। ऐसी इच्छा रखना अच्छी बात है। वहीं कुछ लोग चंद मिनटों में अमीर बनना चाहते हैं। चंद मिनटों में अमीर बनने की ख्वाहिश इंसान को गलत राह पर जाने को मजबूर करता है। इन दिनों देश के बड़े वर्ग में युवाओं के बीच सट्टेबाजी का सहारा लेकर अमीर बनने की होड़ मची है। इस वजह से कई लोग फ्रॉड का शिकार भी होते हैं। बिहार का सीमांचल का इलाका सट्टेबाजी में पैसे लगाने का नया ठिकाना बन रहा है। यहां से काफी संख्या में लोग सट्टेबाजी के जाल में फंस रहे हैं। मिनटों में अमीर बनने की चाहत में कई लोग भारी आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं।

सीमांचल इलाके में ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल जोरों पर है। यह एक ऐसा जाल है, जिसमें एक बार घुसने के बाद बर्बादी के अलावा कुछ भी नहीं है। कम समय में अमीर बनने की चाहत में लोग अपनी सारी जमा पूंजी लगा देते हैं, जब तक उन्हें जालसाजी का यह खेल समझ में आता है, तब तक वह सबकुछ लुटा चुके होते हैं। केस स्टडी में पता चलता है कि इन ऑनलाइन सट्टेबाजी से शायद ही कोई आजतक एक रुपये का मुनाफा कमा पाया हो। इन बेबसाइटों में क्रिकेट से लेकर सॉकर, टेनिस, फुटबॉल आदि लाइव मैचों पर दांव लगवाया जाता है। इन वेबसाइट पर सट्टेबाजी सुरक्षित मानी जाती है जो स्मार्टफोन पर चलती है।

क्या है ऑनलाइन सट्टेबाजी, कैसे करती है यह काम

कुछ साल पहले सट्टेबाज जहां फोन करके चल रहे मैचों पर अपना दांव लगाते थे। अब यही काम वे लोग डिजिटल माध्यम से करते हैं। skyexchange.com, lexus.com जैसी देशभर में दर्जनों ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट चल रही हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी का काम कर चुके एक बड़े सट्टेबाज ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इन वेबसाइटों का निर्माण चीन में होता है।

उन्होंने बताया कि दुबई में इनके मास्टर माइंड रहते हैं। भारत में सट्टेबाजी का केंद्र मुंबई है। देश के हर छोटे बड़े शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक इन्होंने एजेंट/बुकी बनाये हुए हैं, जिसमें से ज्यादातर पहले बुकी रह चुके हैं। एजेंट या बुकी को 20 फीसदी तक कमीशन दिया जाता है। एजेंट इन वेबसाइट की आईडी और पासवर्ड सटोरियों को बेचते हैं। आईडी पासवर्ड देने के साथ इसका रिचार्ज होता है। इसका भुगतान ज्यादातर सट्टेबाजों को एडवांस में करना पड़ता है।

रिचार्ज के रूप में आईडी में पॉइंट (PTH) भरवाना पड़ता है। अलग-अलग वेबसाइटों में एक पॉइंट की वैल्यू 50,100 या 200 भारतीय रुपए के बराबर होती है। भारत में लगभग 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रतिदिन कारोबार होता है। उसने बताया कि इन वेबसाइटों पर काफ़ी ज्यादा ऑप्शन होते हैं। प्रत्येक गेंद पर दांव लगाने का ऑप्शन दिया गया है। इस कारण सटोरिये इसके चक्रव्यूह में फंस जाते हैं। आइडिया से दांव लगाया जाता है, जिसमें 10 में से 8 दांव उल्टे पड़ते हैं। इसलिए सटोरियों को कभी भी मुनाफा नहीं हो सकता। हारी हुई रकम को वापस पाने के चक्कर मे सटोरिये अपना दांव दुगना लगाते हैं। मैच की लाइव स्ट्रीमिंग भी चलती है। आदमी चलते फिते ही मोबाइल के माध्यम से इससे दांव लगा सकता है। यह इतना सेफ है कि दांव लगाने वाले के पास में बैठे व्यक्ति को भी भनक नहीं लगती।

सीमांचल इलाके में क्यों है सट्टेबाजी का खेल
बिहार के सीमांचल इलाके में शिक्षा का स्तर खराब है। यहां बेरोजगारी भी चरम पर है। ऐसे में यहां के युवा पैसे कमाने की चाहत में भटक जाते हैं। पहले यहां के कई युवा जामताड़ा गैंग के लिए काम करते थे। अब पिछले कुछ समय से ये लोग सट्टा कारोबार में भी हिस्सा ले रहे हैं। सट्टेबाजी में दुबई जैसे नाम आने पर यहां के युवा वहां की चकाचौंध के बारे में सोचकर उसमें कूद जाते हैं।

सरकार को उठाने होंगे जरूरी कदम
दो दिन पहले मध्यप्रदेश के बलौदा बाजार में ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक रैकेट का उद्भेदन हुआ है। इस अवैध कारोबार में लगे 10 धंधेबाजों की गिरफ्तारी भी हुई है। इनके पास से करीब साढ़े तीन दर्जन मोबाइल फोन और कई लैपटॉप भी बरामद किए गए हैं। इनके बैंक खातों में करोड़ो के लेनदेन का खुलासा भी हुआ है। किन्तु यह लोग सिर्फ बुकी भर हैं। ये लोग छोटी मछली हैं और मोटे कमीशन के लालच में इस अवैध कारोबार की चेन का हिस्सा भर हैं। इनपर ज्यादा से ज्यादा 420 की धारा लगेगी। दो चार दिनों में जमानत भी हो जाएगी।

सरकार को देश भर से अवैध रूप से रोजाना हजार करोड़ से भी ज्यादा की काली कमाई करने वाले सरगनाओं की धरपकड़ करनी होगी। देशभर में चल रहे ऐसी ऑनलाइन सट्टेबाजी वाली वेबसाइटों पर नजर रखते हुए उनपर प्रतिबंध लगाना होगा। इस माह के अंत तक आईपीएल शुरू होने वाला है। इस टूर्नामेंट में सीजनल सटोरिये बाहर निकलते हैं। डेढ़ महीने चलने वाले आईपीएल में यह कारोबार लगभग दोगुना हो जाता है। इस टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले ही सरकार को कड़ा कदम उठाना होगा, जिससे देश के हजारों करोड़ रुपये विदेशी हाथों में जाने से रोका जा सके।

पटना से विक्रांत की खास रिपोर्ट…

Invest big money sitting at home and become rich in a few minutes... Such a game that opens the doors of the pauper