किशनगंज से भयावह दृष्य : जयकारा लगाते रह गये सैकड़ों लोग, देखते-देखते नदी में समा गई वर्षों पुरानी मां दुर्गे की मंदिर

NEWSPR डेस्क। नेपाल से पानी छोड़े जाने और बिहार के कई इलाकों में लगातार बारिश की वजह से सीमांचल में कई नदियां उफान पर है। किशनगंज में महानंदा सहित कई नदियों ने रौद्र रूप धारन कर लिया है। नदियों के किनारे बसे घर मकान अब कटाव की जद में आ रहे हैं। आलम ये है कि यहां एक प्राचीन मंदिर पलक झपकते ही नदी में विलीन हो गया। मामला ठाकुरगंज प्रखंड के रूपादह गांव का है। जब ये हादसा हुआ उस वक्त सैंकड़ों की संख्या में लोग वहां मौजूद थे और मां का जयकारा लगा रहे थे। ग्रामीणों के जयकारों से पूरा गांव गूंज उठा।

नवरात्र में यहां मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित की गई थी। धूमधाम से मां का पूजा-अर्चना किया गया था। नवरात्र के बाद से ही इस इलाके में लगातार बारिश हो रही है, जिससे नेपाल से निकलने वाली मेची नदी उफान पर है। इसी नदी के किनारे वर्षो पुरानी माता रानी की मंदिर भी है, जो देखते देखते नदी में विलीन हो गई।

दरअसल भोलमारा पंचायत का रूपादह गांव दो नदियों के किनारे अवस्थित है,पहला नेपाल से निकलने वाली नदी मेची नदी तथा दूसरी महानंदा नदी।ग्रामीणों के मुताबिक इस गांव में प्राचीन दुर्गा मंदिर नदी कटाव के जद में पहले भी आया था पर पानी कम होने की वजह से बच गया था पर इस बार मंदिर का अस्तित्व खत्म हो गया।अब गांव नदी से कुछ ही दूरी पर है जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि प्रशासन द्वारा शीघ्र ही कटावरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया तो पूरा गांव कटाव की जद में आ जाएगी और गांव के सैकड़ों परिवार को सड़क पर आना पड़ सकता है।

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