जिन्दा लोगों के कोरोना से मौत के सर्टिफिकेट बनवाकर निकाल लिए लाखों रुपए

NEWSPRडेस्क।  मुजफ्फरपुर से ऐसा ही मामला सामने आया है, लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए। इतना नहीं मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर 4लाख  लाख रुपए की साहायता राशि भी निकाल ली गई। बता दें कि कोरोनावायरस के संक्रमण से मरने वालों के लोगो को राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे 4लाख की अनुग्रह राशि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मुजफ्फरपुर में घपलेबाजों द्वारा जिंदा लोगों का डेथ सर्टिफिकेट बनवा कर उनके नाम पर अनुदान का आवंटन मंगवा लिया गया है। भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन में इसका खुलासा हुआ है। मामला उजागर होने के बाद आपदा प्रबंधन कार्यालय से लेकर जिला स्वास्थ समिति और एसकेएमसीएच में हड़कंप मच गया है।

ये है पुरा मामला  

बता दें कि वाल्मीकि कॉलोनी झिटकहियां के अवकाश प्राप्त बैंकर महेंद्र प्रसाद की पत्नी मंजू देवी कोरोना से बीमार हुई थी। एसकेएमसीएच में उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया। दो बार जांच में पॉजिटिव और तीसरी बार नेगेटिव आई। वहां इनसे आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लिए गए थे। लेकिन इन्हें एडमिट नहीं किया गया था। फिर भी इनका नाम मृतकों की सूची में आ गया। मुख्यालय से इनके नाम पर चार लाख की राशि का आवंटन हो गया। सत्यापन के लिए सीओ जब इनके घर पहुंचे तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

इसी के साथ हीएक अन्य मामला मुशहरी का है। मुशहरी निवासी मनोज कुमार कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद एसकेएमसीएच में भर्ती हुए और इलाज से स्वस्थ होकर घर चले गए। घपलेबाजों ने उनका भी डेथ सैटिफिकेट बना लिया और मुख्यालय से  4 लाख का अनुदान मंगवा लिया गया। सीओ के सत्यापन में मनोज कुमार  जीवित मिले। उसके बाद उनका भुगतान रोक दिया गया।

क्या कहते हैं डॉक्टर

इस मामले में आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता डॉ अजय कुमार ने कहा है कि मुख्यालय से राशि आने के बाद जिला स्तरीय समिति ने भुगतान के लिए जो सूची भेजी है उनके सत्यापन के दौरान 2 लोग जीवित पाए गए हैं। यह जांच का विषय है कि इनका डेथ सर्टिफिकेट कैसे बना। पता लगाया जा रहा है कि ऐसे और कितने मामले हैं। जांच में आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।

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