कोरोनाकाल में घोड़े पर आई माँ दुर्गा, राजधानी में ऐसे हो रही है कलश स्थापना, मंदिरों में पसरा सन्नाटा

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। देश में हर रोज़ बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच 13 अप्रैल यानी आज से कलश स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं। मंगलवार को पटना के सभी छोटे बड़े धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही दर्शन करना पड़ रहा है।

13 अप्रैल से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2078 भी शुरू हो गया है। सनातन धर्म में नवरात्रि को माँ दुर्गा की उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। प्रत्येक वर्ष 5 नवरात्र पड़ते हैं जिसमें समान्यतः चैत्र नवरात्र और शरद नवरात्र का महत्व अत्यधिक है लेकिन देश के अलग अलग कोनों में पौष, आषाढ़, माघ गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती यही।

माँ के इन 9 रूपों की होगी पूजा:

13 अप्रैल को कलश स्थापना कर श्रद्धालु माँ शैलपुत्री की उपासना करेंगे, क्योंकि शास्त्रों में माँ शैलपुत्री को माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप माना गया है। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा से राहू ग्रह की शांति, तृतीय तिथि पर चंद्रघंटा की पूजा से चंद्रमा की शांति, चतुर्थ कूष्मांडा की पूजा से केतु ग्रह की शांति, पंचम स्कंदमाता की पूजा से मंगल की शांति, कात्यायनी की पूजा से वृष की शांति, अष्टम कालरात्रि की पूजा से शनि ग्रह की शांति, अष्टम महागौरी की पूजा से बृहस्पति की और नवम सिद्धिदात्री की पूजा से शुक्र ग्रह की शांति की जाएगी। भक्त इस पूरे नवरात्र माता की कृपा पाने के लिए दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, बीज मंत्र का जाप, भगवती पुराण आदि का पाठ करेंगे।

कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त:

सामान्य मुहूर्त : प्रात: 05:43 बजे से 08:43 बजे तक
चर योग : सुबह 08:40 बजे से 10:15 बजे तक
लाभ योग : सुबह 10:15 बजे से 11:50 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 11:36 बजे से 12:24 बजे तक
गुली व अमृत मुहूर्त : दोपहर 11:50 बजे से 01:25 बजे तक

श्रृद्धा की लहर पर भारी कोरोना का कहर:

गौरतलब है कि कोरोना के प्रकोप से पूरे देश में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. बिहार में भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है. धार्मिक स्थलों में रहने वाले पंडितों और आस-पास दुकान लगाने वाले लोगों की माने तो त्यौहारों के मौसम में श्रद्धालुओं के आने से उनकी रोजी रोटी चलती थी लेकिन जब से कोरोना ने दस्तक दी है तब से स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है.

मंगलवार को कलश स्थापना के बावजूद मंदिरों की रौनक पहले जैसी नहीं दिख रही है. लोग अपने अपने घरों में ही चैत्र नवरात्रि का पूजा अनुष्ठान कर रहे हैं और माँ से मनोकामना मांग रहें हैं कि जल्द से जल्द कोरोना का ये काल समाप्त हो और सभी की सुख समृद्धि बढ़े.

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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