मिट्टी के दीए बेचने वालों के चेहरे पर आई मुस्कान, इस दीपावली में मिट्टी दीए की हुई अधिक बिक्री

NEWSPR डेस्क। पूर्व से एवं वर्तमान में चाइना से तल्खी के बाद बाजारों में चायनीज झालरों की कमी देखी गई। जबकि इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार भी दीये बेचते हुए दिखे गये। दीपावली के त्योहार में दीया और बाती का अलग ही महत्व है। इस वर्ष चायनीज सामान के प्रति लोगों का झुकाव कम दिखा। लोगों ने देसी झालरों व दीये को तवज्जो दी। सौ रुपये सैकड़ा से लेकर तीन चार रुपये पीस तक के दीये बाजार में मौजूद थे। पहले की अपेक्षा इस वर्ष दीये के कारोबार में बढ़ोतरी दिखी। इसके अलावे बाजार में रंग-बिरंगी रंगोली व स्टीकर की सजी दुकानों पर बच्चों की अधिक भीड़ देखी गई। अपने मनपसंद सांचे वाली रंगोली, माता लक्ष्मी की चरण पादुका स्टीकर, घर की सजावट के लिए बंधन वाल, मोती की माला, प्लास्टिक के कलश की खरीदारी की।

सूखे मिठाई की रही मांग
भभुआ शहर के एकता चौक, पटेल चौक, जयप्रकाश चौक, पूरब पोखरा रोड समेत अन्य जगहों पर स्थाई और अस्थाई मिठाई की दुकानों पर दिन भर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। लोगों ने मनपसंद मिठाई की खरीदारी की और एक-दूसरे को उपहार दिया। नकली मिठाई से बचते हुए लोगो ने विश्वसनीय और प्रतिष्ठित दुकानों से मिठाइयों की खरीदारी करना अधिक सुरक्षित समझ रहे रहे। दुकानों में सूखे मेवे से तैयार मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा रही। ब्रांडेड कंपनियों के गिफ्ट पैक, बेसन व बूंदी लड्डू की भी खरीदारी हुई। प्रकाश का पर्व दीपावली को लेकर चहुंओर खुशी की लहर देखी गयी.

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