NEWSPR डेस्क। पटना में गुरुवार को स्टार्टअप सीआईएमपी ने सेंटर फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप और सेंटर ऑफ बिजनेस सस्टेनेबिलिटी के सहयोग से अपने ऑडिटोरियम में “उद्यमिता विकास और व्यवसाय स्थिरता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसका उद्घाटन उद्योग मंत्री सैयद सहनवाज हुसैन ने किया। इस अवसर मंत्री ने बिहार के भावी उद्यमियों के लिए रचनात्मक कार्यशालाओं के आयोजन और राज्य के प्रबंधन अध्ययन के लिए एक पथप्रदर्शक होने के लिए CIMP और SIBIL के प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि बिहार की ताकत उसके कार्यबल में है और यह रेखांकित किया कि भविष्य बिहार का है। मंत्री शाहनवाज ने कहा कि एक बिहारी की सबसे बड़ी संपत्ति उसका दिमाग (प्रतिभा) है। अपने दावे के तर्क में मंत्री ने कहा कि दुनिया में आज ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय हैं। जबकि बिहार में सदियों पहले विक्रमशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे जहां ज्ञान प्राप्ति के लिए विश्व से लोग ज्ञानार्जन के लिए आया करते थें।
उन्होंने सीआईएमपी को राज्य का एक प्रमुख प्रबंधन संस्थान बनाने के लिए निदेशक डॉ मुकुंद दास के प्रयासों और कड़ी मेहनत की भी सराहना की और उन्हें ‘बिहार रतन’ की उपाधि से संबोधित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके दृष्टिकोण के लिए भी सराहना की। उन्होंने निकट भविष्य में सिबिल, सीआईएमपी के तत्वावधान में “उद्यमी पंचायतों” के आयोजन के विचार का प्रस्ताव करते हुए भाषण समाप्त किया।
सिबिल के सीईओ कुमोद कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में छात्रों के लिए “एक बिजनेस प्लान प्रतियोगिता” भी आयोजित की गई थी इसके अलावा प्रो. आलोक कुमार सिंह, पीजीपी अध्यक्ष, आईआईएम त्रिची द्वारा “हरित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन” विषय पर एक विशेष अतिथि व्याख्यान दिया गया।