बैंक का अजब कारनामा- बाजार में तो एक रुपए का सिक्का जल्दी तो कोई लेता नहीं, बैंक ने अपने अधिकारी को दे दिये 88 पैसे की पेंशन

NEWSPR डेस्क। पटना बाजार में तो एक रुपए का सिक्का भी लोग सही से नहीं लेते हैं, लेकिन बैंक ने अपने ही अधिकारी को 88 पैसे की पेंशन दी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में रिटायर हुए बैंक के असिस्टेंट मैनेजर की कमाई 88 पैसे है। उन्हें पेंशन के रूप में बैंक ने मात्र 88 पैसे भेजे हैं। सोचने वाली बात है कि बैंक के असिस्टेंट मैनेजर को पेंशन में 88 पैसे कैसे मिल सकता है?

है न यह होश उड़ा देने वाली बात! लेकिन ऐसा हुआ है। यह कारनामा किया है इंडियन बैंक ने। NEWSPR सवाल उठाता है की क्या 88 पैसा चलता है? क्या बैंक में 88 पैसे का ड्राफ्ट बन सकता है? नहीं ना…क्या किसी व्यक्ति की आमदनी 88 पैसे हो सकती है? क्या 88 पैसे में कोई व्यक्ति पूरे महीने का घर खर्च चला सकता है?

अखिलेश्वर ठाकुर द्वारा बैंक को भेजे गए आवेदन
अखिलेश्वर ठाकुर पटना के बजरंगपुरी इलाके के रहने वाले हैं। इनकी नौकरी इलाहाबाद बैंक में थी, जो मर्जर के बाद इंडियन बैंक बन गई। पटना के मेन ब्रांच में ही फेम ब्रांच है, वहीं से 30 सितंबर को अखिलेश्वर ठाकुर असिस्टेंट मैनेजर के पद से रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद अक्टूबर महीने में इन्हें पहली बार पेंशन मिली 32 हजार 560 रुपए 88 पैसे। इसमें इनकम टैक्स के रूप में 2450 रुपए काट लिये गये थे।

पहली पेंशन 4 अक्टूबर को मिली थी, जबकि बाकी लोगों को 1 तारीख को ही मिल गई थी। नवंबर महीने में दूसरी पेंशन की बारी आई तो इनके अकाउंट में आए सिर्फ 88 पैसे, जबकि 35 हजार 10 रुपए इनकम टैक्स के रूप में काट लिये गये। वह भी तब पता चला, जब अखिलेश्वर ठाकुर को पेंशन स्लीप भेजी गई। यह देख वे और उनका परिवार हैरान रह गया। बैंक ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की भी अवहेलना की है, जिसमें पेंशन के कुल रुपए का एक तिहाई ही काटे जाने का आदेश था।

लीव इन कैशमेंट में भी कर दिया घालमेल
इलाहाबाद बैंक में ज्वाइनिंग से लेकर इंडियन बैंक में मर्जर व यहां से रिटायरमेंट तक में अखिलेश्वर ठाकुर 36 साल 9 महीना 1 दिन की नौकरी कर चुके हैं। जिस बैंक के लिए इन्होंने अपनी उम्र गुजार दी, आज वही बेगानों जैसा व्यवहार कर रहा है। पहले बैंक ने अपने ही अधिकारी को पेंशन में 88 पैसे भेज कर झटका दिया। फिर लीव इन कैशमेंट में घालमेल कर दिया।

रिटायरमेंट पर 240 दिन के लीव इन कैशमेंट पर कुल 7 लाख 87 हजार 695 रुपए 20 पैसे बनते हैं। इसमें 34 दिन देरी भी हुई। देरी की वजह से पूरे पेमेंट पर बैंक को ब्याज के रूप में 4 हजार 880 रुपए 63 पैसे अलग से देने थे। ब्याज जोड़कर टोटल 7 लाख 92 हजार 775 रुपए 83 पैसे देने थे। इसकी जगह पर 7 लाख 15 हजार 414 रुपए 20 पैसे ही उन्हें दिए गए। बाकी रुपए कहां गए? इसका कोई हिसाब या किसी प्रकार का डिटेल उन्हें नहीं दिया गया।

इंसाफ के लिए बैंक के बाहर धरना दे रहे अखिलेश्वर ठाकुर
बेअसर रिमाइंडर, बैंक के बाहर दे रहे धरना
दो महीने पहले तक जिस बैंक में अखिलेश्वर ठाकुर अपनी सेवा दे रहे थे, वे अब सोमवार को उसी बैंक की गेट पर धरना देंगे। अपने साथ हो रही नाइंसाफी से वह और उनका परिवार काफी परेशान है। इनकी मानें तो जो बर्ताव उनके साथ हुआ, इस बारे में उन्होंने DGM से बात भी की थी।

पेंशन पेमेंट ऑर्डर के लिए 26 बार और लीव इन कैशमेंट के लिए 13 बार रिमांइडर DGM पटना और चेन्नई में CMD को ई-मेल के जरिये भेजा गया, लेकिन कोई रास्ता बैंक के अधिकारियों ने नहीं निकाला। बार-बार बैंक के अधिकारियों ने उन्हें टरकाया। अब परेशान होकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। इंसाफ के लिए वे बैंक के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं।

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट

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