भारत सरकार से भिड़ने का मन बना चुका है ट्विटर, इंडिया चीफ के इस ट्वीट के क्या हैं मायने?

भारत में केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों को सभी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने स्वीकार कर लिया है लेकिन ट्विटर इसे मानने को राजी नहीं है. ऐसा लग रहा है कि फिलहाल यह तकरार थमने वाली नहीं है और इस बीच ट्विटर इंडिया के प्रमुख के एक ट्वीट ने इस आशंका को और बल दे दिया है.

दरअसल, ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी ने शुक्रवार को एक स्लोगन ट्वीट किया. अंग्रेजी में लिखे इस स्लोगन का अर्थ है, ‘यह मुश्किल होने वाला है लेकिन मुश्किल का मतलब असंभव नहीं है.’ अब उनके इस पोस्ट को ट्विटर और भारत सरकार के बीच जारी टकराव की स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है.

दिल्ली पुलिस ने बीते गुरुवार कंटेंट फिल्टरिंग को लेकर मनीष माहेश्वरी से सवाल किए थे. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि माहेश्वरी सवालों से बच रहे हैं. माहेश्वरी ने कथित तौर पर पुलिस से यह कहा था कि वह सिर्फ सेल्स हेड हैं और कंटेंट से जुड़े ऑपरेशंस में उनकी कोई भूमिका नहीं है.

हालांकि, अपने ट्वीट के कुछ ही घंटो बाद माहेश्वरी ने एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘मेरा मतलब था इंटरनेट के बिना वीकेंड कैसे बिताया जाएगा. मेरे घर का ब्रॉडबैंड ठप हो गया है. नेटफ्लिक्स इंडिया कोई और विकल्प है क्या?’

बता दें कि इसी महीने बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कुछ कागजात साझा करते हुए यह दावा किया था कि पीएम मोदी और देश की छवि को बदनाम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने टूलकिट बनाया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी भी इसी टूलकिट को फॉलो करते हुए पीएम मोदी को लेकर ट्वीट करते हैं. हालांकि, कांग्रेस ने इस टूलकिट को फर्जी बताया था. इसके बाद ट्विटर ने संबित पात्रा के ट्वीट को ‘मैन्युप्युलेटिव मीडिया’ का टैग दिया था.

टूलकिट मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित दफ्तरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. इसी के बाद से ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव जारी है.

ज्यादातर प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के अनुसार अपने मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और शिकायत अधिकारी की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझा कर दी है. इन कंपनियों में कू, शेयरचैट, टेलिग्राम, लिंक्डिन, गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप जैसी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियां शामिल हैं. इन सभी ने मंत्रालय के साथ नए नियमों के तहत मांगी गई जानकारी मुहैया करवा दी है. हालांकि, अभी तक ट्विटर ने मांगी गई जानकारी सरकार को नहीं दी है.

इससे पहले, ट्विटर ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि दिल्ली पुलिस का उसके दफ्तरों में आना डराने-धमकाने की चाल है. सोशल मीडिया कंपनी ने यह भी कहा कि वह भारत में कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर संभावित खतरे को लेकर चिंतित है.

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