NEWSPR डेस्क। भागलपुर में रविवार को अनंत चतुर्दशी बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने उपवास करते हुए, मंदिरों में इसकी पूजा पाठ की। शास्त्रों और पुराणों में भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा गया है। इस दिन किए गए पुण्य का अंत नहीं है, इसलिए इस दिन को अनंत चतुर्दशी कहा गया है।
इस दिन शेषनाग की सैय्या पर शय़न में लीन भगवान विष्णु की पूजा अनंत नाम से होती है। भगवान विष्णु को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि इनकी आदि और अंत का पता किसी को नहीं है। 14 लोकों में व्याप्त सभी कालों में वर्तमान रहने वाले नारायण जब देवशयनी एकादशी के दिन राजा बलि के लोक में चले जाते हैं तो भक्तगण उन्हें तलाशते हैं और उनकी अनंत नाम से पूजा करते हुए 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बाजू में बांधते हैं जो 14 लोकों का प्रतीक है।
माना जाता है कि भगवान विष्णु 14 लोकों में जहां भी होंगे इन 14 गांठों के द्रारा उनके आस-पास रहेंगे। इस अनंत सूत्र को बहुत ही पवित्र और शुभ फलदायी माना गया है।
भागलपुर से श्यामानंद सिंह की रिपोर्ट