डिजिटल बिहार की ओर एक और कदम — अब पुलिस की 15 सेवाएं मिलेंगी ऑनलाइन!

Jyoti Sinha

बिहार की जनता के लिए अब पुलिस से जुड़े कामकाज होंगे पहले से कहीं ज़्यादा आसान। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के एडीजी अमित लोढ़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि बिहार पुलिस जल्द ही ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ लॉन्च करने जा रही है। ये पोर्टल अगले 30 दिनों के भीतर जनता के लिए उपलब्ध होगा।

📍 अब थाने के चक्कर नहीं, काम होगा ऑनलाइन

इस पोर्टल के ज़रिए आम लोगों को अब एफआईआर की कॉपी लेने, किरायेदार या ड्राइवर का सत्यापन करवाने, और घरेलू सहायक की जानकारी देने जैसे कई जरूरी कामों के लिए थाने जाने की ज़रूरत नहीं होगी। एडीजी ने इसे बिहार पुलिस के डिजिटलीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

📍 एक पोर्टल – 15 सेवाएं

इस नागरिक पोर्टल पर 15 तरह की सेवाएं एक ही क्लिक पर उपलब्ध होंगी। इन्हें दो श्रेणियों में बांटा गया है – प्री-लॉगिन और पोस्ट-लॉगिन

  • प्री-लॉगिन सेवाएं:
    • एफआईआर की कॉपी डाउनलोड करना
    • गोपनीय सूचना देना
    • इनामी अपराधियों की जानकारी देखना
  • पोस्ट-लॉगिन सेवाएं:
    • खोई वस्तुओं या दस्तावेज़ों की रिपोर्ट
    • गुमशुदा व्यक्ति की सूचना
    • किरायेदार, चालक और घरेलू सहायक का सत्यापन
    • वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण
    • ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना
    • अज्ञात शव या व्यक्ति की जानकारी देना
    • गिरफ्तार व वांछित अपराधियों की खोज आदि

📍 जांच प्रणाली भी हुई हाईटेक

एडीजी लोढ़ा ने बताया कि सीआईडी ने अब तक 8661 जांच अधिकारियों को एसएमएस सेवा से जोड़ दिया है और 4344 मोबाइल व लैपटॉप की खरीद की गई है, जिससे जांच प्रक्रिया में तकनीकी कुशलता बढ़ी है। इसका असर भी दिख रहा है — मई 2025 तक पुलिस सुधारों में बिहार का प्रदर्शन 87% से 99% तक पहुंच गया है, जो जनवरी 2023 में महज़ 42% से 96% के बीच था।

📍 पुलिस और मेडिकल समन्वय भी डिजिटल

अब एमएलसी (मेडिको लीगल केस) और पोस्टमार्टम रिपोर्ट जैसी मेडिकल जानकारियां भी सीधे पुलिस के सीसीटीएनएस सिस्टम से जुड़ चुकी हैं। ‘मेडलीपीआर ऐप’ के ज़रिए यह समन्वय किया गया है, जिससे गंभीर मामलों की रिपोर्ट तुरंत डिजिटल रिकॉर्ड में अपडेट हो सकेगी। आने वाले समय में यह व्यवस्था स्थायी प्रक्रिया बन जाएगी।

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