बिहार के अरेराज में एसडीओ अरुण कुमार ने एक मिसाल कायम की है, जिससे सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर लोगों का भरोसा मजबूत हो सकता है। अक्सर यह देखा जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग ही सरकारी अस्पतालों का रुख करते हैं, जबकि संपन्न वर्ग निजी अस्पतालों को प्राथमिकता देता है।
लेकिन अरुण कुमार और उनकी पत्नी, डीसीएलआर इति चतुर्वेदी ने इस धारणा को तोड़ते हुए अपनी बेटी का जन्म सरकारी अस्पताल में करवाया।हालांकि प्रसव से पहले उन्हें कई लोगों ने निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी थी, लेकिन दोनों अधिकारियों ने सरकारी अस्पताल पर विश्वास जताते हुए गोरखपुर स्थित एमएस अस्पताल में ही प्रसव करवाने का निर्णय लिया। सोमवार सुबह सफलतापूर्वक प्रसव हुआ और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।इस फैसले के जरिए एसडीओ दंपती ने न केवल सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में अपना विश्वास दर्शाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि अगर सेवाएं ठीक हों तो सरकारी अस्पताल भी भरोसेमंद हो सकते हैं।