भागलपुर,अररिया जिले के रहने वाले 30 वर्षीय युवक विकास कुमार की इलाज के दौरान मौत हो जाने से परिवार में कोहराम मच गया है। परिजनों ने मायागंज अस्पताल, भागलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था और डॉक्टरों की लापरवाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं।जानकारी के अनुसार, मृतक विकास कुमार, पिता विजेंद्र कुमार, मोटरसाइकिल से किसी काम से जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उनकी मोटरसाइकिल की आमने-सामने किसी अन्य बाइक से जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि विकास के माथे पर गहरी चोट आई और वे गंभीर रूप से घायल हो गए।पहले उन्हें अररिया के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत चिंताजनक देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए भागलपुर के मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया। मायागंज अस्पताल में पिछले तीन दिनों से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन इसी दौरान मंगलवार देर रात उनकी मौत हो गई।
मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि मायागंज अस्पताल में सीनियर डॉक्टर को खोजने में घंटों लग जाते हैं।
उन्होंने बताया कि –
“सीनियर डॉक्टर से मिलने में 4 घंटे तक लग जाते हैं।मरीज को गंभीर समस्या होने पर भी समय पर डॉक्टर नहीं मिल पाते।कई बार डॉक्टरों की जगह हेल्पर ही सुई लगाते हैं और वही मरीजों को संभालते हैं।इसी लापरवाही के कारण मेरे बेटे विकास की जान चली गई।”परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद होते, तो शायद विकास को बचाया जा सकता था।हादसे के बाद मृतक के घर में मातम पसरा हुआ है। विकास अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। पत्नी और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन न्याय की गुहार लगाते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।स्थानीय लोगों ने भी अस्पताल की अव्यवस्थित स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मायागंज अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और स्टाफ की कमी की शिकायतें पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाता ,फिलहाल अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर अपने गांव रवाना हो गए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।