दिवाली के मौके पर पटाखों के जमकर इस्तेमाल के कारण बिहार के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई । प्रशासन ने पहले से ही लोगों को पटाखे न जलाने की सलाह दी थी, ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
फिर भी, दिवाली के रात को भारी संख्या में पटाखे जलाए गए, जिससे वायु गुणवत्ता स्तर (AQI) में बड़ा बदलाव देखने को मिला। उदाहरण के लिए, गुरुवार सुबह AQI का स्तर 119 था, जो रात में पटाखों के जलने के बाद 200 तक पहुंच गया। यह बढ़ता प्रदूषण स्तर लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और सांस लेने में दिक्कतें पैदा कर सकता है।