बिहार में बीपीएससी का परिणाम जारी हो चुका है। परिणाम आते ही कई उम्मीदवारों के चेहरे खुशी से छलक पड़े तो कुछ के चेहरे लटके नजर आए। जिनका परिणाम बेहतर था वहां ढोल नगाड़े और बैंडबाजे से उम्मीदवार का स्वागत किया गया। वहीं दूसरी ओर एक अभ्यर्थी ऐसा भी था जिसने परीक्षा दी और फिर इंटरव्यू भी हुआ। बीपीएससी में 64वीं रैंक भी आई लेकिन नौकरी के लिए सेलेक्शन नहीं हो पाया। बीपीएससी ने उसका चयन रद्द कर दिया था। जब इस बारे में अभ्यर्थी ने पता लगवाया तो विश्वविद्यालय की लापरवाही सामने आई।
हाल ही में बीपीएससी का रिजल्ट जारी हुआ है। रिजल्ट में रौशन कुमार नाम रद्द था। वजह जानने पर पता चला कि स्नातक का मूल प्रमाण पत्र जमा नहीं करने की वजह से उसका 64वीं बीपीएससी में चयनित उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। रौशन ने बताया कि टीएमबीयू प्रशासन को मूल प्रमाण पत्र के लिए दो जनवरी को आवेदन दिए थे। इसमें छह जनवरी के इंटरव्यू का जिक्र था। मगर विश्वविद्यालय द्वारा मूल प्रमाण पत्र मार्च माह में उपलब्ध कराया गया। मूल प्रमाण पत्र मिलते ही रौशन ने बीपीएससी को तत्काल स्पीड पोस्ट कर दिया था। मगर जब रिजल्ट का प्रकाशन हुआ तो उसमें रौशन की उम्मीदवारी को रद्द किया गया। बीपीएससी ने इसकी वजह इंटरव्यू के दौरान मूल प्रमाण पत्र का नहीं होना बताया।
उम्मीदवार रौशन ने बताया कि विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से मेरी उम्मीदवारी रद्द हुई है। अगर समय पर मूल प्रमाण पत्र मिल जाता तो बीपीएससी में मेरा चयन हो गया होता। परीक्षा और इंटरव्यू दोनों अच्छा गया था। रौशन मूल रूप से लालूचक गुमटी नंबर 12 काली स्थान के समीप रहते है। उन्होंने बताया कि बीपीएससी की तैयारी सेल्फ स्टडी और दिल्ली में कुछ गाइड लेकर किए। जिसकी वजह से मुझे सफलता मिली। रौशन ने कहा कि वे बीपीएससी से अनुरोध कर रहे हैं कि उनकी उम्मीदवारी को बहाल किया जाए।