NEWSPR डेस्क। औरंगाबाद के एक व्यवसायी के अपहरण मामले में जदयू के कुटुंबा विधानसभा प्रभारी विकास वर्मा की हुई गिरफ्तारी के बाद जिला जदयू में भूचाल आ गया है। जदयू मेन बॉडी के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह जहां जदयू युवा जिलाध्यक्ष पर अपराधी छवि के ऐसे व्यक्ति को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं और पार्टी से उसे निष्काषित कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई किये जाने की बात कर रहे हैं। वहीं जदयू युवा जिलाध्यक्ष अनिल मेहता विश्वनाथ सिंह की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने और उन्हें अब राजनीति से सन्यास ले लेने की सलाह दे रहे हैं। दोनों ही नेताओं ने बजाप्ता प्रेस वार्ता कर यह बयानबाज़ी की है और एक दूसरे पर कींचड़ उछाला है।
इधर एनडीए का घटक दल बीजेपी ने भी इस मामले पर चुटकी ली है और युवा जदयू जिलाध्यक्ष को ऐसे आपराधिक आचरण वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी में कोई स्थान नहीं देने की सलाह दी है। दरअसल ,विकास वर्मा पर हत्या ,लूट ,डकैती ,अपहरण तथा वाहन चोरी जैसे कई मामले दर्ज़ हैं बावजूद अपनी पहुँच के बल पर उसने जदयू में कुटुम्बा विधानसभा प्रभारी का ओहदा प्राप्त कर लिया था। मगर पलामू में हुए औरंगाबाद के एक व्यवसायी के अपहरण तथा उसकी हत्या किये जाने की कोशिश मामले में जब उसकी गिरफ्तारी हो गयी तब इस मामले ने तूल पकड़ लिया। हालांकि ,काफी फ़ज़ीहत के बाद उसे जदयू ने पार्टी से निष्काषित जरूर कर दिया है मगर जिले में जदयू दो फांड है ,इस पुरे प्रकरण ने साबित कर दिया है।