NEWSPR डेस्क। बिहार सरकार अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। आए दिन अस्पतालों के कुछ न कुछ कारनामे सामने आते ही रहते। वहीं औरंगाबाद के सदर अस्पताल जिसे मॉडल अस्पताल का दर्जा मिला है, उसके सिस्टम की पोल खुल रही है। बुधवार को अस्पताल में बेड नहीं मिलने के कारण एक प्रसव पीड़ित महिला का इलाज फर्श पर ही किया जा रहा था। महिला को इलाज के लिए बेड नहीं मिला। महिला की स्थिती खराब थी। जिसे इलाज की जरूरत थी तो उसे जमीन पर ही लेटा दिया गया।
बता दें कि हाल में ही आधुनिक सुविधा से युक्त नए प्रसव वार्ड का मुख्यमंत्री ने वर्चुअल उद्घाटन किया था।वहीं बुधवार की दोपहर ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां प्रसव के लिए आई एक गर्भवती महिला को प्रसव वार्ड में बेड नही मिलने के कारण जमीन पर ही लेटने को मजबूर होना पड़ा।
औरंगाबाद के सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा मिले लगभग छह साल से ज्यादा हो गए लेकिन यहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं अभी तक न के बराबर है। मरीजों को कभी बेड की तो कभी इलाज के लिए चिकित्सकों की कमी से बराबर दो चार होना पड़ता है।
औरंगाबाद से रूपेश की रिपोर्ट