बिहार के इस गांव में पंचायतों ने प्रेमी जोड़े को सुनाया तालिबानी फरमान, संबंध बनाते पकड़े गए थे दोनों, शराब पीते पिलाते प्रेम प्रसंग की शुरुआत, जानिए पूरा मामला

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार के फारबिसगंज के संथाली टोला में अवैध संबंध बनाते हुए पकड़े गए एक जोड़े को पंचायती के दौरान उनके समाज ने तालिबानी कानून के तहत सजा सुनाई है। प्रेमी युगल महिला और पुरुष को ग्रामीणों ने जंजीर में जकड़ कर बांधा दिया और आज पंचायत बुलाकर पंचायती करते हुए दोनों को 21-21 हजार रुपये की आर्थिक दण्ड की सजा सुना दी। वहीं पुलिस इस मामले में कुछ न कर सकी क्योंकि पंचायत का कहना था कि वह उनका आपसी मामला है। वह देख लेंगे। प्रेमी युगल दोनों ही शादीशुदा हैं। शराब पीने के दौरान दोनों में प्रेम संबंध बने थे। जिसके बाद एक दिन संबंध बनाते हुए उन्हें गांववालों ने रंगेहाथ पकड़ लिया था।

वहीं इस कांड की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस के सामने आदिवासियों ने आपस में पंचायत कर सजा सुनाई और इस दौरान पुलिस पूरी तरह से मुकदर्शक बनी रही। हालांकि पंचायत के आगे पुलिस वालों की भी नहीं चलती है। वहीं आरोपी महिला और पुरुष दोनों विवाहित ही नहीं बाल बच्चेवाले भी हैं और सजा मुक्करर होने के बाद दोनों को आर्थिक दण्ड देते हुए पंचायत से मुक्त किया गया और उसके बाद दोनों अपने-अपने घर लौट गये।

शराब पीने और पिलाने के दौरान प्रेम संबंध

दरअसल परवाहा पंचायत के वार्ड संख्या सात में आदिवासी समुदाय की कुछ महिलाएं अवैध रूप से शराब का निर्माण कर उसकी बिक्री का काम करती हैं। उस शराब के सेवन करने के लिए दूर दराज से शराब के शौकीन ग्रामीण पहुंचते हैं। इसी कड़ी में नरपतगंज के गड़गामा के रहने वाले सुधीर पासवान भी पिछले कई माह से आदिवासी टोला पहुँच कर शराब पीने का काम करता था और रात के अंधेरे में फिर वापस ग्रामीण खेत-खलिहान और रास्तों से अपने गांव पहुँच जाया करता था। यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा था और इसी दौरान सुधीर पासवान जिस महिला के घर शराब पीने जाया करता था,दोनों के बीच प्रेम हो गया और इसी प्रेम के बीच दोनों बीती रात एक दूसरे से अंतरंग सम्बन्ध बना रहा था कि ग्रामीणों ने उन दोनों को रंगेहाथ पकड़ लिया।

पंचायत में आर्थिक दण्ड की दी गयी सजा

पहले तो ग्रामीणों ने जंजीर में दोनों को जकड़ते हुए बांध दिया और आज पंचायत बुलाकर पंचायती करते हुए दोनों को 21-21 हजार रुपये की आर्थिक दण्ड की सजा सुना दी। जब ग्रामीण पंचायती कर रहे थे,इसी दौरान किसी ग्रामीण ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। जिसके बाद मौके परवाहा कैम्प पुलिस प्रभारी विश्वमोहन पासवान और फारबिसगंज थाना से सब इंस्पेक्टर परवेज आलम पुलिस बलों के साथ मौके पर पहुँची,लेकिन उनलोगों के पंचायती के दौरान पुलिस अपनी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी और इस दौरान पंचायत में पंचों ने दोनों को समाज के सरिया के मुताबिक सजा मुक्कर कर दी। दोनों आरोपियों से आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद छोड़ दिया और पुलिस मुकदर्शक बनने के बाद वापस लौट गई।

आरोपी महिला आदिवासी समाज की है,जबकि आरोपी युवक महादलित समाज से।इतना ही नहीं दोनों विवाहित और बाल-बच्चेदार बताये जाते हैं। पंचायती में ग्रामीणों में प्रमुख रूप से जेठू मरांडी,बबलू मरांडी,जीतन हांसदा,चुन्नी बासुकी,श्रीलाल हांसदा,पुण्यानन्द मण्डल सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।

क्या कहती है पुलिस…

मामले पर परवाहा पुलिस कैम्प प्रभारी विश्वमोहन कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के सूचना के बाद परवाहा कैम्प पुलिस बलों और फारबिसगंज से आये अधिकारी परवेज आलम के साथ मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। जहां ग्रामीणों की पंचायती लगी थी और एक महिला और एक युवक को जंजीर में जकड़ कर रखा हुआ था। इसी क्रम में उनलोगों ने पहल की तो ग्रामीणों ने आपस की बात करते हुए समाज के अंदर ही फैसला हो जाने की बात करते हुए लौटा दिया। उनलोगों के आग्रह पर ग्रामीणों ने सजा सुनते हुए दोनों को जंजीर से मुक्त कर दिया। उन्होंने लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कही।इधर इस मामले में फारबिसगंज एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है और मामले में जो भी दोषी होंगे,उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ मे लेने का किसी को अधिकार नहीं है।

अररिया से रविराज की रिपोर्ट

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