NEWSPR डेस्क। ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न का शुक्रवार को अचानक निधन हो गया। 52 साल की उम्र में शेन वॉर्न को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें मृत घोषित किया गया। शेन वॉर्न थाईलैंड में मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक शेन वॉर्न अपने विला में मौजूद थे, और उन्हें वहां अचेत पाया गया। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के तमाम प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
सिर्फ 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले वॉर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपने शानदार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में 600 और 700 विकेट के माइलस्टोन तक पहुंचने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने थे। वे IPL टाइटल जीतने वाले पहले कप्तान बने थे।
महान स्पिनर शेन वॉर्न ने 1993 के एशेज के दौरान मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में इंग्लैंड के माइक गेटिंग को जिस गेंद पर बोल्ड किया था, उसे क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ गेंद कही जाती है। उस गेंद ने वॉर्न की जिंदगी बदल कर रख दी थी। कहा जाता है कि वार्न की ये गेंद 90 डिग्री तक घूमी थी। लिहाजा इसे बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा गया। वॉर्न ने इस तरह की और भी कई कमाल की गेंदें फेंकीं।
वॉर्न ने कलाई की जादूगरी से अपने समय के लगभग सभी दिग्गजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाया। वॉर्न ने अपने 145 मैचों के टेस्ट करियर में 708 विकेट चटकाए, जो मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) के बाद टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक है।
शेन वॉर्न ने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2007 में खेला। 1999 में वह ऑस्ट्रेलिया के उपकप्तान भी बने, लेकिन उन्हें कभी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला। वैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वॉर्न ने आईपीएल में पहली बार कप्तानी की और पहले ही सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैम्पियन बना डाला।