NEWSPR डेस्क। एनटीपीसी द्वारा संचालित बरौनी और कांटी थर्मल पावर को बंद करने की तैयारी की जा रही है। दोनों थर्मल पावर से अभी 330 मेगवाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। दोनों थर्मल पावर की पुरानी यूनिट को बंद करने का निर्णय लिया गया है क्योकि यहां का थर्मल पावर काफी पुराना पड़ा गया है। जहां बिजली का उत्पादन रेट काफी ज्यादा है और प्रदूषण का लेवल भी दूसरी यूनिट की अपेक्षा ज्यादा है।
हालांकि सूबे के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा है कि एनटीपीसी की दो इकाइयों को बंद किए जाने मामले को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। यह पूरा मामला भारत सरकार के अधीन है और वही पूरे मामले पर बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन टैरिफ चाहिए।
बरौनी एनटीपीसी का आधुनिकीकरण 581 करोड़ की लागत से किया गया था जिसके बाद 2015 से 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। पहले यह थर्मल पावर बिहार सरकरा द्वारा संचालित किया जा रहा था पर नीतीश कुमार की सरकार ने इसे एनटीपीसी के हवाले कर दिया गया था।
वहीं मुजफ्फरपुर का कांटी थर्मल पवार 1985 में तत्कालीन सांसद जार्ज फर्नांडिस के प्रयास से शुरू हुआ था।बाद में यूनिट में गड़बड़ी आने की वजह से बंद रहने लगा था।सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार ने 472.80 करोड़ की राशी से मरम्मत कराने का निर्णय लिया था।यहां की दो यूनिट से 220 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है पर यूनिट के पुराना होने की वजह से बिजली उत्पादन में कोयला की खपत ज्यादा हो रही है जिसकी वजह से बिजली की लागत ज्यादा हो रही है।
बरौनी और कांटी थर्मल पावर की यूनिट बंद होने से 330 मेगवाट बिजली की आपूर्ती बिहार सरकार को नही मिल पायेगी पर इसके विकल्प के रूप में औरंगाबाद के नवीनगर की यूनिट से बिहार को बिजली की आपूर्ती की जायेगी।इसलिए बरौनी और कांटी यूनिट के बंद होने से बिहार की बिजली आपूर्ती पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा।