NEWSPR/DESK : माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा औपनिवेशकालीन राजद्रोह कानून पर की गई टिप्पणी को बेहद प्रासंगिक बताया है. इस टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजाद देश में औपनिवेशिक दौर के कानून की क्या जरूरत है? जिस कानून को गांधी व अन्य स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं को दबाने के लिए लाया गया था, वह कानून अब तक क्यों चल रहा है?
माले महासचिव ने कहा कि हमने देखा है कि हाल के दिनों में इस कानून का व्यापक दुरूपयोग किया गया है और सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में कार्यकर्ताओं को राजद्रोह कानून के तहत प्रताड़ित होते हुए देखा है.
इस साल हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे. इस अवसर पर ऐसे औपनिवेशिक कानूनों को खत्म कर 75 वें स्वतंत्रता दिवस का सेलिबे्रशन किया जाना चाहिए |