NEWSPR DESK- बिहार के गया में 15 वर्षीय नाबालिक , नवमी क्लास की छात्रा सिमरन (काल्पनिक नाम) के साथ दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार करने के बाद खेत के बधार में बेहोशी हालत में फेंक कर फरार हो गया। इस घटना की जानकारी सिमरन के माता-पिता को उस वक्त मिली जब सिमरन की तलाश करते करते लोग थक चुके थे। तभी दूसरे दिन सुबह खेत के बाधार से सिमरन की नग्न अवस्था में बेहोशी की हालत में लोगों ने देखा।
खबर मिलते ही जंगल में आग की तरह खबर फैल गई। इस घटना के बाद इलाके के लोगों में जहां खौफ का माहौल है , वही लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। इस घटना की परिकाष्ठा तो तब हो गई जब सिमरन के माता पिता को पूछताछ के लिए पुलिस कब्जे में लेकर धमकी देना शुरू कर दी। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस माता-पिता ने अपनी लाडली को बड़े ही प्यार से पाला पोसा था। उसे खेत के बधार में तथाकथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद नग्न अवस्था में देखकर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा होगा। हद तो तब हो गई जब पुलिस ही उसके माता-पिता को बलात्कारियों को सजा दिलाने का आश्वासन देने के बजाय पुलिस उसके माता-पिता पर इस हाल में लाने का जिम्मेदार ठहरा दिया।
यह लोमहर्षक पुलिस की अमानवीय चेहरा का वीभत्स घटना गया जिला के आती थाना का है। घटना 17 अक्टूबर दिन सोमवार की है। अहले सुबह करीब 9:00 बजे सिमरन अपने घर से निकली थी अपनी सहेलियों के साथ आसपास से जलावन लाने के लिए। फिर वापस घर नहीं लौटी। इस घटना की जानकारी स्थानीय आती थाना को सिमरन के माता-पिता ने दी।
पुलिस ने कहा कि हो सकता है लड़का लड़की का मामला हो कल सुबह तक इंतजार करो हो सकता है स्वयं वापस आ जाएगी। पुलिस के आश्वासन के बाद परिवार घर लौट गया। रात भर सिमरन के माता-पिता को नींद नहीं आई। इस बीच सिमरन के माता पिता ने आपने परिवार संबंधियों को इसकी जानकारी दे रखी थी कि शायद कहीं से कोई खबर उसकी बेटी की मिल जाए , लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अहले सुबह गांव के लोगों ने देखा कि आती – जमालपुर गांव के रास्ते में बधार पर नग्न अवस्था में सिमरन बेहोशी की हालत में पड़ी हुई है। इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई।
आती पुलिस ने पीड़ित सिमरन को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के उपरांत बेहतर इलाज के लिए गया प्रभावती अस्पताल भेज दी , जहां सामूहिक बलात्कार के शक के आधार पर जांच की गई। पीड़ित परिजन ने पुलिस पर लापरवाही और अनदेखी का आरोप लगाते हुए पुलिस की कार्यशैली पर संदेह करते हुए उंगली उठाई है। परिजनों का मानना है कि सिमरन के साथ हुई घटना में आती थाने की पुलिस की तथाकथित रुप में संलिप्तता है। सिमरन के पिता बताते हैं कि मेरी बेटी को अकेले में पुलिस ने बयान लिया है।
हमने लाख अनुनय विनय किया कि मेरे सामने मेरी बेटी का बयान लिया जाए लेकिन ऐसा आती थाने के पुलिस ने नहीं की। ना जाने क्या बयान ने लिया पुलिस ने मेरी बेटी से। बेटी से से बात करने के बाद पुलिस ने हमें ही दोषी ठहराते हुए पीड़ित को सजा दिलाने के बजाय हमें धमकाने लगे। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश का माहौल है। आती पंचायत के मुखिया सहित गांव के लोग पुलिस की संदेहास्पद कार्यशैली की वजह से आक्रोशित हैं। मुखिया प्रतिनिधि संजय यादव एवं पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार सहित सैकड़ों लोग सिमरन के साथ तथाकथित बलात्कार की घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने कहा है कि जब तक अपराधी को सजा नहीं होगी। तब तक हम लोग चैन से नहीं बैठेंगे।
जिला मुख्यालय से लेकर राज्य मुख्यालय तक अधिकारियों और पदाधिकारियों सहित मंत्रियों से मुलाकात कर दोषी को हर हाल में सजा दिलवाकर रहेंगे। इधर गया की एसएसपी हरप्रीत कौर ने इस घटना पर गंभीर संज्ञान लेते हुए तत्काल महिला पुलिस की टीम गठित कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में गया के आती थाने में एफ आई आर दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित बच्ची अभी बोलने की स्थिति में नहीं है। जैसे ही बच्ची की मानसिक स्थिति सामान्य होती है और घटना के बारे में बताने में सक्षम होती है तो इस घटना को अंजाम देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।