NEWSPR DESK- भाजपा-शिवसेना को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का एनसीपी का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका के रुप में देखा जा रहा है। यह फैसला शरद पवार की मंजूरी के बिना नहीं लिया जा सकता था और यह कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को थोपने की कोशिश का नतीजा माना जा रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले अजित पवार ने शिंदे सरकार को समर्थन देकर डिप्टी सीएम के पद की शपथ ले ली है। राजभवन में अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।
उनके अलावा नौ एनसीपी विधायक भी शपथ ले रहे हैं जिनमें धर्मराव अत्रम, सुनील वलसाडे, अदिति तटकरे, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, धन्नी मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल शामिल हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ सभी मंत्री भी राजभवन मौजूद हैं। इसके अलावा एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी राजभवन में मौजूद हैं जिन्हें शरद पवार का करीबी कहा जाता है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वाले अजित पवार ने पहले अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की और इसके बाद 17 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को समर्थन देने के लिए राजभवन रवाना हो हुए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में काम करने का अवसर नहीं दिए जाने के बाद अजित असंतुष्ट थे।
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं। हालांकि, सुले बैठक छोड़कर चली गईं। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पुणे में मौजूद शरद पवार से फोन पर बातचीत की। राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, शरद पवार ने पुणे में रहने का फैसला किया है और कथित तौर पर अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। बैठक में सांसद सुप्रिया सुले ,अमोल कोल्हे, प्रफुल पटेल सहित दिलीप वलसे पाटिल,-हसन मुश्रीफ,छगन भुजबल, किरण लहमाटे,निलेश लंके,धनंजय मुंडे,रामराजे निंबालकर,दौलत दरोडा,मकरंद पाटिल,अनुल बेणके,सुनिल टिंगरे,अमोल मिटकरी,अदिति तटकरे,शेखर निकम,निलय नाईक,अशोक पवार,अनिल पाटिल शामिल थे।
वहीं दूसरी तरफ अजित पवार के आवास पर हुई बैठक पर शरद पवार ने कहा, ‘मुझे ठीक से पता नहीं है लेकिन विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है। वह नियमित रूप से ऐसा करते हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले 25 जून को उनके चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि पार्टी अजित पवार की मांग पर फैसला लेगी। पवार उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरों से इनकार कर चुके हैं।
अजीत पवार की नाराजगी
इससे पहले अप्रैल 2023 में अजित पवार ने साफ शब्दों में मुख्यमंत्री बनने की चाहत दिखाई थी। उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और 2024 में क्यों, अभी भी सीएम पद के दावेदार हैं। उसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए थे कि 2004 में जब एनसीपी की कांग्रेस से ज्यादा सीटें आई थीं, तब पार्टी ने उन्हें सीएम पद देने का मौका गंवा दिया था। हालांकि, सीएम पद को लेकर उनका अभी भी दावा कायम है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने पिछले दिनों दावा किया था कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसी के बाद से उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं। अब ऐसे में देखने वाली बात ये है कि आगे की राजनीति कितने राज्यों के लिए कितना सबक साबित होगी या फिर 2024 को लेकर भाजपा का राजनीतिक खेला शुरु हो गया है।