NEWSPR DESK- बिहार सरकार अब शराब कारोबार को लेकर शिकंजा कसने को तैयार हो चुका है बिहार में अब जिस मकान से शराब की खेप बरामद होगी उनमें जरूरत के अनुसार पुलिस थाना खोलेगी राजधानी पटना के एक गोदाम में बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई थी वहां बाईपास थाना खोल कर राज्य सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी.
आपको बता दें कि शराब माफियाओं की संपत्ति को जप्त कर उसे नीलामी भी किया जाएगा बिहार में पूर्ण शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए शराब माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर स्पीड ट्रायल चलाया जाएगा सरकार ने सदन में दो टूक कहा कि गोपालगंज शराब कांड के अभियुक्तों को मिली फांसी की सजा उन शराब कारोबारियों के लिए एक संदेश है जो इस धंधे में लिप्त हैं इससे यह भी साफ हो जाएगा कि कानून के हाथ लंबे हैं.
आपको बताते चलें कि विधानसभा में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आए व्ययक पर हुए वाद विवाद के बाद विभाग की ओर से मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए 186 पुलिसकर्मी एवं आठ उत्पाद कर्मियों को बर्खास्त किया गया है जो देश के किसी राज्य में नहीं हुआ है ऐसे पुलिसकर्मी है जिन्हें चिन्हित किया गया है अगले 10 साल तक थाना प्रभारी नहीं बन सकेंगे खुफिया रिपोर्ट के अनुसार तंत्र को मजबूत किया गया है आईजी प्रोविजन का पद सृजित किया गया है.
शराबबंदी महज एक्ट नहीं सीएम की इच्छा शक्ति…
आपको बताते चलें कि मंत्री ने सरकार के पूर्ण शराबबंदी के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि शराबबंदी महज कोई एक्ट नहीं है या मुख्यमंत्री की राजनीतिक इच्छाशक्ति है समाज में कुछ लोग अपने लाभ के लिए शराब बंदी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति को इससे समझा जा सकता है कि अब तक 53 लाख लीटर से अधिक देसी तो संता मन लाख लीटर से अधिक विदेशी शराब जप्त की गई है जिन गाड़ियों से शराब बरामद हुई है उन वाहनों की नीलामी की जाएगी.