जिला परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही, जेल से भी चला रहा था दालकोला चेकपोस्ट, छूटने के बाद जिला परिवहन विभाग ने फिर से बना दिया चेकपोस्ट प्रभारी

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पूर्णिया का जिला परिवहन कार्यालय और विवाद के साथ ऐसा सम्बन्ध है जो थमने का नाम ही नहीं लेता। ताजा मामला बिहार के एक ऐसे चेकपोस्ट का है, जहां अपनी सेवा के दौरान हर कोई जाने के लिये तरसता है। आपको बता दें कि बिहार के पूर्णिया जिले में बिहार और बंगाल बॉर्डर को जोड़ने वाला दालकोला चेकपोस्ट कई मामलों में अतिमहत्वपूर्ण माना जाता है। दालकोला देश का एक ऐसा चेकपोस्ट है, जिसे सात राज्यों और दो देशों को जोड़ने वाला अतिमहत्वपूर्ण चेकपोस्ट कहा जाता है। अगर इस चेकपोस्ट में आवाजाही रोक दी जाय तो महासंकट उत्पन्न हो जाएगा। आसान भाषा में अगर कहा जाय तो इस चेकपोस्ट को धनकुबेर कहा जाता है।

इस चेकपोस्ट में हर दिन तकरीबन 12 हजार से अधिक छोटे-बड़े ट्रकों की आवाजाही होती है। इसी से आप इस चेकपोस्ट में काम करने वाले कर्मियों की कमाई का अंदाज लगा सकते है। एक बार जो इस चेकपोस्ट में आ गया तो समझो वह किसी भी कीमत पर यहां से नहीं जाएगा। यहीं से कहानी शुरू होती है संविदा पर काम करने वाला दालकोला चेकपोस्ट प्रभारी संजू कुमार की, जिन्होंने देखते ही देखते ही देखते महज कुछ सालों में ही अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली।

मूल रूप से सहरसा निवासी संजू कुमार शराबबंदी के बाद शराब पीने के जुर्म में जेल की सजा काटकर बाहर आये तो उन्हें निलंबन की प्रक्रिया के तहत पूर्णिया जिला परिवहन कार्यालय में योगदान दिए। लेकिन, इसके बाद इन्हें जिला परिवहन विभाग की ओर से और बड़ा इनाम देकर दालकोला चेकपोस्ट पर प्रभारी बना दिया गया। उसके बाद फिर संजू कुमार ने बाबुओं को खुश करना शुरू किया। पैसे एवं रसूख के चलते कोई भी संजू कुमार पर हाथ नहीं डालना चाहता है।

विक्रांत कुमार की खास रिपोर्ट…

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