NEWSPR डेस्क। बिहार से एक बड़ी खबर आ रही है । रीयल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) के सदस्य आरबी सिन्हा (RB Sinha) ने इस्तीफा दे दिया है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार उन्होंने शनिवार को ही अपना इस्तीफा उचित प्लेटफॉर्म पर सौंप दिया। हालांकि फिर उन्होंने अपना इस्तीफा सोमवार को ई-मेल के माध्यम से रेरा, बिहार के चेयरमैन और नगर विकास एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव को भेजा। साथ ही इसकी प्रति राज्य सरकार के मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और केन्द्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को भी दी है।
आरबी सिन्हा के इस्तीफे पर दूसरे लोगों ने साधी चुप्पी : रेरा के बिहार में गठन के काल से ही आरबी सिन्हा सदस्य रहे हैं। हालांकि अभी इस मामले पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रेरा, बिहार के चेयरमैन नवीन वर्मा ने कहा कि रेरा सदस्य आरबी सिन्हा ही अपने इस्तीफे के बारे में बता सकते हैं। रेरा के जनसंपर्क पदाधिकारी संजीव वर्मा ने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। वहीं इस मामले पर आरबी सिन्हा ने भी मामले पर चुप्पी साध ली है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि इस संबंध में रेरा के पीआरओ से बात करें। लेकिन अंदरखाने से जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
दिसंबर में समाप्त होना था कार्यकाल, 3 महीने पहले दिया इस्तीफा : जानकारी के अनुसार, उनका कार्यकाल दिसंबर 2021 में समाप्त होने वाला था। लेकिन उसके तीन महीने पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के पीछे रेरा की अंदरूनी खींचतान बतायी जा रही है। वो रेरा के कार्यकलाप से बेहद नाराज चल रहे थे। उन्होंने रेरा से संबंधित सभी वाट्सएप ग्रुप से खुद को रिमुव कर लिया है। हालांकि रेरा के ऑफिशियल पेज पर अब भी मेंबर के तौर पर आरबी सिन्हा का नाम और फोटो दर्ज है।
आरबी सिन्हा के फैसले से रेरा पर उठ रहे थे सवाल : आपको बता दें कि जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार अकाउंट से संबंधित मामला जुड़ा हो सकता है। उनपर अकाउंट में हेरफेर के आरोप लग रहे हैं। इसके अलावा आरबी सिन्हा के रवैया से सूबे के कई बिल्डर परेशान थे। कई बिल्डर आरबी सिन्हा के खिलाफ ट्रिब्यूनल भी जा चुके हैं। इस दौरान ट्रिब्यूनल भी रेरा सदस्य के फैसलों को निरस्त कर चुका है, और उनके फैसले के खिलाफ भी निर्णय दिया है।
आरबी सिन्हा से परेशान हो गये थे सूबे के कई बिल्डर : दरअसल रेरा सदस्य आरबी सिन्हा और बिल्डर्स में बन नहीं रहा था, कई बिल्डर्स उनसे परेशान चल रहे थे। 14 सितंबर को रेरा ने बड़ी कार्रवाई की थी। 11 बिल्डरों के प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन को कैंसिल कर दिया था। इनमें अकेले पटना के 7 बिल्डर शामिल थे। इनके अलावा गया जिले के दो, एक-एक भागलपुर और सासाराम के थे। इन बिल्डरों के 29 प्रोजेक्टों पर कार्रवाई की गई थी। रेरा ने 6 सितंबर को भी प्रदेश में चल रहे 18 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था. इनमें राजधानी पटना में सैकड़ों ग्राहकों को घर दिलाने का सपना दिखाने वाले अग्रणी होम्स के सबसे ज्यादा 8 प्रोजेक्ट शामिल थे। इन सभी मामलों पर सुनवाई में रेरा सदस्य आरबी सिन्हा शामिल थे।
2018 में रेरा, बिहार का संभाला था पदभार : बता दें, आरबी सिन्हा वर्ष 1983 बैच के इंडियन ऑडिट व अकाउंट सेवा के अधिकारी रहे हैं। मार्च 2018 में उन्हें रेरा का मेंबर बनाया गया था। भारत सरकार के महालेखाकार कार्यालय से डीजी (डायरेक्ट टैक्सेस) पद से सेवानिवृत होने के बाद वर्ष 2018 में उन्होंने पूर्व IAS अधिकारी व रेरा के पहले अध्यक्ष अमानुल्लाह की अध्यक्षता में रेरा, बिहार के सदस्य का पदभार संभाला था।