भागलपुर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने संस्थान में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने की, और इसका समन्वय सतर्कता अधिकारी एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने किया।
इस आयोजन में सभी डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्यों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस वर्ष की थीम “सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि” ने नैतिक आचरण और सार्वजनिक सेवा में विश्वविद्यालय के समर्पण को रेखांकित किया। सप्ताह की शुरुआत कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा का नेतृत्व किया। उन्होंने संस्थान के सभी सदस्यों को अपनी भूमिकाओं में ईमानदारी और निष्ठा बनाए रखने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा कि सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं हैं बल्कि समाज में नैतिकता के मानक स्थापित करने का एक मार्ग हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों से अपनी-अपनी भूमिकाओं में सतर्कता को बढ़ावा देने और एक भ्रष्टाचार-मुक्त वातावरण बनाने की अपील की। डॉ. अनिल कुमार सिंह ने सतर्कता अधिकारी और अनुसंधान निदेशक की दोहरी भूमिका निभाते हुए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें सतर्कता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का विशेष ध्यान रखा गया।
उन्होंने शैक्षणिक और प्रशासनिक वातावरण में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व पर जोर दिया। बीएयू समुदाय के सभी सदस्यों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्क रहने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने संस्थान की “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर जोर दिया। डॉ. सिंह ने डीन, निदेशकों, संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ संवादात्मक सत्रों में हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सत्यनिष्ठा और सतर्कता के महत्व पर चर्चा की। डॉ. सिंह ने शोध के क्षेत्र में नैतिकता, पारदर्शिता और संसाधन प्रबंधन के महत्व पर अपने विचार साझा किए। बीएयू ने हाल के वर्षों में जिन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, उन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह सभी के लिए एक अवसर है कि वे विश्वविद्यालय की भ्रष्टाचार-मुक्त नीति का पालन करें और इस दिशा में योगदान दें।कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी के लिए सराहना की और विशेष रूप से सतर्कता अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह के योगदान को प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन विश्वविद्यालय में न केवल जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि संस्थान की सत्यनिष्ठा और नैतिकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। बीएयू सबौर ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी मूल मूल्यों और सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित किया है। विश्वविद्यालय ने एक सतर्क और भ्रष्टाचार-मुक्त वातावरण बनाने के अपने मिशन को और भी मजबूत किया है, जो न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।