पटना में राजभाषा संगोष्ठी और काव्य गोष्ठी का उपमुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, बोले- सामूहिक सोच और समर्पण से ही होगा हिंदी का विकास और उत्थान

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पटना में रविवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधान परिषद् सभागार में आयोजित राजभाषा संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी का उद्घाटन किया। बता दें कि यह समारोह जगदंबी प्रसाद यादव स्मृति प्रतिष्ठान तथा अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में बिहार विधान परिषद् सभागार में रखा गया था।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जगदंबी बाबू ने राष्ट्रभाषा हिंदी को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया। हिंदी भाषा के बारे में उन्होंने कहा कि समाज और परिवार में भाषा को लेकर द्वन्द्व अभी भी जारी है। हम अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पब्लिक स्कूल में पढ़ाते हैं। किसी भी भाषा को सीखना अच्छी बात है परंतु हिंदी की कीमत पर नहीं।

उन्होंने कहा कि हिंदी को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। यदि हम अपनी भाषा और संस्कृति के साथ नहीं चले, तो काफी पीछे रह जाएंगे। भाषा साहित्य और संस्कृति के बिना राष्ट्र राष्ट्र नहीं बल्कि भूमि का टुकड़ा रह जाता है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद् के अध्यक्ष तथा भारत सरकार हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के विकास के लिए राष्ट्रभाषा आयोग का गठन होना जरूरी है।

उपमुख्यमंत्री ने साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए डॉ० भगवती प्रसाद द्विवेदी, दिलीप कुमार, मधुरेश कांत शरण, डॉ० सुमेधा पाठक, डॉ० विजय कुमार पांडे तथा डॉ० साकेत सहाय को सम्मानित किया। राजभाषा संगोष्ठी के बाद वरिष्ठ कवि भगवती प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ० रेखा सिन्हा, डॉ० अर्चना त्रिपाठी, श्रीकांत व्यास, डॉ० नीतू कुमारी नवगीत, भगवती प्रसाद द्विवेदी सहित अनेक कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया।

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