NEWS PR डेस्क। सूबे में लोकतंत्र के उत्सव यानी बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण के मतदान की तारीख यानी 28 अक्टूबर आने में अब महज 5 दिन का समय बचा है। ऐसे में पक्ष और विपक्ष ने ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक अपने संदेश और योजनाओं को पहुचने ख़ातिर एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।
इसी बीच पटना हाईकोर्ट सियासी दलों को बड़ी राहत दी है।अब राजनीतिक दल किसी भी निजी घर पर मकान मालिक की सहमति से चुनावी होर्डिंग लगा सकेंगे। पटना हाईकोर्ट ने भाजपा के आउटडोर प्रचार का जिम्मा ली हुई कंपनी सेंचुरी बिजनेस प्रा. लि. की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद राजनीतिक दलों को चुनावी होर्डिंग लगाने की छूट दी है।
कोर्ट ने मुख्य चुनाव अधिकारी सहित पटना के निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को चुनावी होर्डिंग लगाए जाने पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। बुधवार को न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद अपना फैसला दिया।
पटना हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में सेंचुरी कंपनी को किसी के निजी घर के ऊपर बैनर-पोस्टर एवं होर्डिंग लगाने की छूट दी है। कोर्ट ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सहित निर्वाचन पदाधिकारी को चुनाव प्रचार में हस्तक्षेप नहीं करने का आदेश दिया है।
इसके पूर्व सीनियर वकील एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने कम्पनी को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। उनका कहना था कि अधिकारी ने सिर्फ प्रत्याशियों को ही अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए अनुमति देने की बात कही है।
राजनीतिक पार्टियों को किसी भी हाल में अनुमति नहीं दी जाएगी। भाजपा की ओर से एसडी संजय ने कहा कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है।
ऐसे में बिहार के संपत्ति निरुपण कानून में भी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग से अनुमति लेकर बैनर-पोस्टर एवं होर्डिंग लगाने का अधिकार है, लेकिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुमति नहीं दे रहे हैं, जो कानूनन सही नहीं है।
कोर्ट ने एसडी संजय के साथ राजू गिरि की दलीलों को मंजूर करते हुए भाजपा को बैनर और पोस्टर लगाने की अनुमति बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को देने का आदेश दिया। साथ ही मामले को निष्पादित कर दिया।