बिहार चुनाव 2025: महिला वोटरों की पहचान में मदद करेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं, सुरक्षा के लिए 1.8 लाख जवान तैनात

Jyoti Sinha

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। गृह मंत्रालय ने चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 214 बटालियन भेजने की मंजूरी दी है। करीब 1.8 लाख जवान मतदान केंद्रों और संवेदनशील इलाकों में तैनात रहेंगे। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने 38 पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो पूरे चुनावी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।इस बार महिला मतदाताओं की पहचान को लेकर एक नई व्यवस्था की गई है। ग्रामीण इलाकों में घूंघट या पर्दा में आने वाली महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए 90 हजार मतदान केंद्रों पर आंगनबाड़ी सेविकाओं की तैनाती की जा रही है।

ये सेविकाएं बूथ पर आने वाली महिला वोटरों की पहचान उनके पहचान पत्र से मिलान करके करेंगी। उन्हें इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि महिला मतदाताओं से संवाद कैसे करना है और पहचान प्रक्रिया को बिना किसी असुविधा के कैसे पूरा करना है।यह पहल इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले चुनावों में कई बार पर्दानशीं और बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान को लेकर विवाद सामने आए थे। अब सेविकाओं की मदद से यह समस्या काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है। इन्हें उनके कार्य क्षेत्र के पास के ही बूथों पर तैनात किया जाएगा ताकि पहचान प्रक्रिया सहज और सुरक्षित रूप से पूरी हो सके।दरअसल, यह मुद्दा तब चर्चा में आया जब बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने चुनाव आयोग से मांग की कि बुर्का पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान उनके वोटर कार्ड (EPIC) से की जाए। उन्होंने कहा कि फर्जी वोटिंग लोकतंत्र के लिए खतरा है और सही पहचान सुनिश्चित करना चुनाव की पारदर्शिता के लिए जरूरी है।वहीं, इस प्रस्ताव का आरजेडी ने विरोध किया। पार्टी का कहना था कि यह कदम धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है और महिलाओं को असुविधा होगी।मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस मामले में संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केवल पहचान की प्रक्रिया को सहज बनाने में मदद करेंगी। जरूरत पड़ने पर पहचान की जांच की जाएगी, लेकिन किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि फर्जी मतदान की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रह सके।

Share This Article