बिहार सरकार ने महिला शिक्षकों और युवाओं के हित में बड़े कदम उठाए हैं। जनवरी 2025 से महिला शिक्षकों को उनके ही जिलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें परिवार और नौकरी के बीच संतुलन बनाने में आसानी होगी। वहीं, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में नए उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे, जो युवाओं को रोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेंगे।महिला शिक्षकों के लिए स्थानीय प्रशिक्षण व्यवस्थाशिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अब महिला शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए राज्य मुख्यालय या अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। हर जिले में स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु:शैक्षणिक नवाचार और गुणवत्ता सुधार पर आधारित प्रशिक्षण।कमजोर प्रदर्शन वाले स्कूलों के शिक्षकों के लिए विशेष सत्र।प्रशिक्षण के दौरान बायोमेट्रिक उपस्थिति से पारदर्शिता सुनिश्चित।प्रदर्शन की निगरानी के लिए ‘विद्या समीक्षा केंद्र’प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र एनसीईआरटी के मॉड्यूल पर आधारित होंगे और शिक्षकों व छात्रों के प्रदर्शन की निगरानी करेंगे।लर्निंग आउटकम बेहतर बनाने पर जोर।स्कूलों और शिक्षकों के प्रदर्शन का जिला स्तर पर मूल्यांकन।
ITI में उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम: बिहार के 149 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नए बहु-कौशल मॉड्यूलर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। श्रम संसाधन विभाग ने उद्योगों की मांग को ध्यान में रखते हुए इन पाठ्यक्रमों को तैयार किया है।
मुख्य विशेषताएं:औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण।ITI में बेहतर बुनियादी ढांचा और आधुनिक उपकरण।युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने पर जोर।संस्थानों को अधिक प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता।श्रम संसाधन विभाग का बयानश्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने कहा कि ITI पाठ्यक्रम उद्योग की जरूरतों पर आधारित होंगे।
इसके तहत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी।शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में मील का पत्थरबिहार सरकार की ये पहलें महिला शिक्षकों और युवाओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी। स्थानीय प्रशिक्षण, विद्या समीक्षा केंद्र और ITI पाठ्यक्रम सुधार जैसे प्रयास राज्य में शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे।