बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, डीएसपी को महंगा पड़ा झूठे मामले को सुपरविजन में सही बताना, डिमोट कर बनाया गया इंस्पेक्टर

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। पटना झूठे मामले को सुपरविजन में सही करार देना एक डीएसपी को महंगा पड़ गया. अब उन्हें डिमोट कर डीएसपी से इंस्पेक्टर बना दिया गया है. आपको बता दें कि नरकटियागंज के तत्कालीन एसडीपीओ निसार अहमद को बलात्कार के झूठे मामले को सत्यापन में सत्य करार देना महंगा पड़ गया. अब सरकार ने उन्हें डीएसपी से रिमोट करते हुए इंस्पेक्टर बनाने की सजा दी है.

अब वह स्थाई रूप से इंस्पेक्टर पद पर रहेंगे. विभागीय कार्यवाही के बाद उन्हें यह सजा दी गई है. हालांकि निसार अहमद को अब निलंबन से मुक्त कर दिया गया है. इस बारे में गृह विभाग ने शुक्रवार को संकल्प जारी कर दिया है. साथ ही उन्हें अवनत किए गए पद का वेतनवृद्धि व अन्य वित्तीय लाभ देय होगा। गृह विभाग के अनुसार निसार अहमद जब नरकटियागंज में एसडीपीओं के तौर पर कार्यरत थे तब साठी थाने में 6 अक्टूबर 2018 को दर्ज कांड संख्या 162-2018 का पर्यवेक्षण त्रुटिपूर्ण किया गया।

इस कांड की शिकायतकर्ता के कोर्ट परिवाद के आधार पर महाराष्ट्र के रहने वाले प्राथमिकी नामजद अभियुक्त जरार शेरखर के विरुद्ध शादी का झांसा देकर वादिनी के साथ शारीरिक संबंध बनाने तथा बाद में शादी करने से इनकार करने के आरोप में दर्ज हुआ। कांड का सुपरविजन निसार अहमद द्वारा किया गया। इस मामले में आरोप है कि निसार अहमद ने गंभीरता से जांच नहीं की और न इस कांड में कथित पीड़िता की मेडिकल जांच कराई। यह कांड प्राथमिकी की मूल धाराओं के अंतर्गत असत्य कोटि का पाया गया।

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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