बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने करीब 6.5 लाख स्थायी और संविदा कर्मचारियों तथा उनके परिवारों के लिए एक नई बीमा योजना की घोषणा की है। इसके तहत अब उनके सैलरी अकाउंट के माध्यम से मुफ्त दुर्घटना बीमा उपलब्ध होगा।
बिना प्रीमियम के मिलेगा करोड़ों का बीमा कवर
सरकार के इस फैसले के अनुसार, कर्मचारियों को बीमा का लाभ बिना कोई प्रीमियम दिए मिलेगा। किसी दुर्घटना में मौत या स्थायी विकलांगता की स्थिति में उन्हें ₹1 करोड़ से ₹1.60 करोड़ तक की बीमा राशि दी जाएगी।
मौत या विकलांगता पर मिलेगा आर्थिक संबल
यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हादसे में हो जाती है, तो बीमा राशि सीधे उनके परिजनों को दी जाएगी। वहीं किसी गंभीर दुर्घटना में विकलांगता होने पर भी उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी। यह योजना राज्य के सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों पर भी लागू होगी।
स्थायी और संविदा कर्मचारियों के लिए अलग बीमा सीमा
राज्य सरकार ने बीमा कवर को स्थायी और संविदा कर्मियों के वर्ग के अनुसार तय किया है। इसके लिए सरकार ने नौ राष्ट्रीय बैंकों—जैसे स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक आदि के साथ करार किया है।
डिप्टी सीएम की मौजूदगी में हुआ करार
इस बीमा योजना के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की उपस्थिति में हुए। वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने समझौते पर दस्तखत किए। सम्राट चौधरी ने इसे सरकार की वेतन नीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह योजना कर्मचारियों और उनके परिवारों को सुरक्षित भविष्य देने के उद्देश्य से लाई गई है।
बीमा के तहत मिलने वाले लाभ
- हवाई दुर्घटना में मृत्यु पर: ₹1 करोड़ से ₹1.60 करोड़
- सड़क हादसे में मृत्यु पर: ₹40 लाख से ₹1 करोड़
- स्थायी विकलांगता पर: ₹80 लाख से ₹1 करोड़
- सामूहिक बीमा कवर: ₹10 लाख
- परिवार के चार सदस्यों को: ₹5 लाख प्रति सदस्य
- हेल्थ टॉप-अप बीमा: रियायती दर पर
कैसे मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को किसी अतिरिक्त प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी। जैसे ही उनका वेतन खाता इन चयनित बैंकों में खुलेगा, वे स्वतः बीमा योजना के अंतर्गत आ जाएंगे।