NEWSPR डेस्क । बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां पर महिला कमांडो की फौज तैयार की गई है, बिहार पुलिस की महिला कमांडो ट्रेनिंग के बाद अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं। पूरे भारत में यह पहली बार हुआ है कि किसी राज्य में पुलिस में ऐसी महिला कमांडो की फौज तैयार हुई है। इन महिला सिपाहियों को अर्द्धसैनिक बल की देखरेख में प्रशिक्षित किया गया है।
महिला सिपाहियों को अर्द्धसैनिक बल की देखरेख में प्रशिक्षित किया गया है : बिहार पुलिस की महिला कमांडो ट्रेनिंग के बाद अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं। पहली बार किसी राज्य पुलिस में ऐसी महिला कमांडो की फौज तैयार हुई है, जिसे अर्द्धसैनिक बल की देखरेख में प्रशिक्षित किया गया है। ट्रेनिंग पूरा करने के बाद बिहार लौटी महिला कमांडो को छुट्टी पर भेजा गया था, जिससे वह वापस आ गई हैं। जल्द इन्हें उन चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष तौर पर गठित एजेंसियों में तैनात किया जाएगा, जहां चुनिंदा पुलिसवालों को ही मौका दिया जाता है।
महिला कमांडो बिहार पुलिस की उन एजेंसियों में अपना दमखम दिखाएंगी जहां तैनाती के लिए किसी भी पुलिसवालों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। इनमें स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप (एसएसजी) भी शामिल है। एसएसजी मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। लिहाजा यहां तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी और जवान ही प्रतिनियुक्त होते हैं। एसएसजी के अलावा महिला कमाडो की टीम आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष तौर पर गठित एटीएस में भी प्रतिनियुक्त की जाएगी। बिहार पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) का भी ये हिस्सा बनेंगी।
एजेंसी करेगी चुनाव : 92 महिला सिपाही इसी महीने ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लौटी हैं। नई चुनौतियों का सामना करने से पहले उन्हें अवकाश दिया गया था। 27 सितम्बर इन्होंने योगदान कर दिया है। एसएसजी, एसटीएफ और एटीएस की टीम द्वारा इन महिला कमांडों का चयन अपनी-अपनी यूनिट के लिए किया जाएगा। इसके लिए चयन प्रक्रिया होगी और उसके बाद इन्हें नई भूमिका दी जाएगी।
मोर्चा संभालने को तैयार : महिला कमांडो की ट्रेनिंग ख़त्म होने के बाद सभी को छुट्टी पर भेजा गया था जिससे सभी वापस आ गई है और अब अपना दमखम दिखाने को तैयार हैं। बहुत ही जल्द इन सभी को उन चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष तौर पर गठित एजेंसियों में तैनात किया जाएगा, जहां चुनिंदा पुलिसवालों को ही मौका दिया जाता है। चाहे आतंकवाद निरोधक दस्ता हो या विशेष टास्क फोर्स और स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप इन जगहों पर इन महिलाओं को नियुक्त किया जाएगा। महिला कमांडो न सिर्फ बड़े अभियानों का हिस्सा बनती हुई नजर आएंगी बल्कि सीएम की भी सुरक्षा करती दिखेंगी, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसजी के हाथ होती है।