NEWSPRडेस्क। बिहार में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने तय किया है कि इसे हर हाल में कम किया जाए। बिहार देश के चंद राज्यों में शामिल हो गया है, जहां सड़क दुर्घटना के बाद उसकी जांच की जाएगी। जांच समिति को सड़क दुर्घटना जांच दल नाम दिया गया है। बता दें कि सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु होने के अधिकांश मामलों में दर्ज होने वाली एफआईआर में पीड़ित पक्ष द्वारा तेज गति से लापरवाही से वाहन चलाना लिखा होता है। बाद में पुलिस भी अपनी जांच इसी आधार पर पूरी करती है। लेकिन अब पुलिस को इस जांच के अतिरिक्त भी ऐसे तथ्य जुटाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी जो उस दुर्घटना के संभव कारण हो सकते हैं। बिहार में होने वाली गंभीर सड़क दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच होगी। दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच कई विभागों के अधिकारी मिलकर करेंगे। खासकर जिन दुर्घटनाओं में जान-माल का नुकसान अधिक होगा, वहां अनुसंधान कर देखा जाएगा कि आखिर किन कारणों से वह दुर्घटना हुई। परिवहन विभाग ने इस बाबत सभी जिलों को निर्देश भेजा है। परिवहन विभाग ने कहा है कि तय प्रावधान के अनुसार दुर्घटना की सूचना मिलने पर सबसे पहले स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारी जांच करेंगे। पुलिस के स्तर पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जिलास्तर पर गठित जांच दल के अधिकारी घटनास्थल का जायजा लेंगें।
सड़क दुर्घटनाए रोकने के लिए छोटी से छोटी चिजों पर ध्यान दिया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में सड़क दुर्घटना होने पर संबंधित थाना पुलिस जांच करेगी। दुर्घटना में गंभीर घायल किसी की मौत होने पर उस घटना के होने के कारणों का अवश्य पता लगाएंगे। इनमें सुधार के लिए संबंधित विभाग को अवगत कराया जाएगा।