NEWSPR डेस्क। राज्य के ग्रामीण चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों ने कम्युनिटी हेल्थ केयर सर्विसेज फेडरेशन के बैनर से आज माले विधायक दल कार्यालय में एक बैठक हुई. बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल, डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा के अलावा ग्रामीण चिकित्सक संगठनों के अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
इस मौके पर माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कोविड काल में ये ग्रामीण चिकित्सक ही थे, जिन्होंने लोगों की जान बचाई. लेकिन यह बेहद निराशाजनक है कि इस तबके प्रति हमारी सरकार का नजरिया बेहद ही संवेदनहीन है. हमारी सरकारों ने यह बिना वेतन व सम्मान के लोगों से काम कराने की नीति बना रखी है. ऐसे सभी मद्दों पर हमारी पार्टी आंदोलनकारियों के साथ है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों की स्वास्थ्य सेवा नियुक्ति संबंधी अन्य सभी मांगों को लेकर विधान सभा के अंदर और बाहर संघर्ष करेगी.
अजीत कुशवाहा ने इस मौके पर कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं एनआईओएस के संयुक्त तत्वावधन में लगभग 21 हजार ग्रामीण चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य पात्रता पाठ्यक्रम पास किया है. सरकार ने इन सबों से मौखिक वादा भी किया था कि राजकीय स्वास्थ्य व्यवस्था में इनकी नियुक्ति होगी. लेकिन अभी तक न कोेई रेगुलेटरी बनी है और न ही कौंसिल. यह बेहद अपमानजनक है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों के साथ नाइंसाफी व वादाखिलाफी को लेकर हम विधानसभा में पुरजोर तरीके से प्रतिवाद करेंगे. बैठक में इन मसलों पर आगामी 1 दिसंबर को विधानसभा घेराव करने का निश्चय किया गया.
बैठक में ग्रामीण चिकित्सकों के संगठन के मुख्य सचेतक डॉ अरविंद पंडित, डॉ. संजय कुमार, डॉ. मिथलेश चैबे, डॉ. शमशाद आलम, डॉ. सचिन्द्र द्विवेदी, डॉ. रवि प्रकाश यादव, डॉ. अरूण कुमार शर्मा, डॉ एस के ठाकुर, डॉ. नशीम अहमद, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मिथलेश कुमार, डॉ. एस कैफी, डॉ. नागेन्द्र कुशवाहा, डॉ. राजकुमार शर्मा, डॉ. कुंदन माथुरी सहित कई लोग उपस्थित थे.