NEWSPR डेस्क। जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने महान समाज सुधारक भूदान आंदोलन के जनक विनोबा भावे की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समाज को उनके जैसे विचार वाले कई समाज सेवी की जरूरत है। उनका योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा और समबूर्ण भारतवर्ष के लोग उन्हें उनके योगदान के लिए हमेशा याद रखेंगे।
विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 को महाराष्ट्र के कोलाबा में हुआ था। बचपन में उनका नाम विनायक नरहरि भावे था जो आगे चलकर विनोबा भावे हो गया। अहिंसा व मानवाधिकारों की वकालत करने वाले विनोबा को ‘आचार्य’ की उपाधि भी मिली थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वे महात्मा गांधी के साथ थे। वहीं सन् 1983 में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
विनोबा भावे को उनके भूदान आंदोलन की वजह से जाना जाता है। तेलंगाना के नालगोंडा जिले से 18 अप्रैल 1951 को विनोबा ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी। वे जमीन के मालिकों से दान के तौर पर जमीन लेकर गरीब लोगों को खेती के लिए देते थे। उन्होंने अपने आखिरी दिन महाराष्ट्र के वर्धा जिले में पौनार के एक आश्रम में बिताया। 15 नवंबर 1982 में उनकी मौत हो गई। मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही 1958 में अंतर्राष्ट्रीय मैग्सेसे पुरस्कार पाने वाले विनोबा भावे पहले व्यक्ति भी थे। उनका योगदान समाज के लिए अविस्मरणीय है।