NEWSPRडेस्क। पंचायत चुनाव को लेकर मतदान की तारीख व चुनाव से संबंधित कई तरह की जानकारियां भी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जिला निर्वाचन आयोग को लगातार दी जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का वैधानिक उपबंध है। बता दें कि इसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है। यदि कोई प्रत्याशी या उसका समर्थक धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाता है तो उसे तीन से पांच वर्ष की सजा हो सकती है। यह गैर जमानतीय व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। इसी प्रकार कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी, किसी के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो तो उसे भी सजा हो सकती है। हालांकि यह जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी। इसी के साथ निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरिजा घरों, मंदिरों, ठाकुरबाड़ियों या अन्य पूजा स्थलों या धर्मस्थलों का प्रचार मंच के रूप में करना, जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में आता है। इस बार जिला प्रशासन आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए ज्यादा सक्रिय है।