राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नियमित अमीनों की वरीयता सूची तैयार करने की दिशा में कार्रवाई तेज कर दी है। विभाग के अपर सचिव डॉ. महेन्द्र पाल ने सभी समाहर्ताओं और भू-अभिलेख एवं परिमाप, भू-अर्जन तथा चकबंदी निदेशालय के निदेशकों को पत्र भेजकर आवश्यक जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि हाल ही में बिहार अमीन संवर्ग नियमावली, 2025 लागू की गई है। इसके तहत विभिन्न इकाइयों—जिला, भू-अर्जन, चकबंदी और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय—में कार्यरत नियमित अमीनों को एकीकृत संवर्ग में जोड़ा जाएगा। विभागीय स्तर पर इस संवर्ग की वरीयता सूची तैयार कर उसका संधारण भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि विभाग ने 6 अगस्त को ही सभी जिलों और निदेशालयों को निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन देने का आदेश दिया था। लेकिन अब तक अपेक्षित रिपोर्ट नहीं मिली है। इस पर गंभीरता जताते हुए विभाग ने दोबारा तत्काल सूचना भेजने की मांग की है।
अपर सचिव ने कहा है कि वरीयता सूची तय करने का काम समयबद्ध रूप से पूरा किया जाना आवश्यक है, इसलिए सभी अधिकारी इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
क्या है मामला?
बिहार सरकार ने हाल ही में बिहार अमीन संवर्ग नियमावली, 2025 बनाई है। इसके तहत विभिन्न विभागों में कार्यरत नियमित अमीनों को मिलाकर एकीकृत संवर्ग बनाया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह सूची?
- अमीनों की पदोन्नति और सेवा व्यवस्था इसी सूची पर आधारित होगी।
- संवर्ग का एकीकरण होने से प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता और एकरूपता बनी रहेगी।