NEWSPR DESK- PATNA- बिहार के मढ़ौरा में बनने वाले रेल इंजन से अफ्रीका की ट्रेनें चलेंगी। साल 2025 से मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना अफ्रीकी देशों को आधुनिक इंजन भेजना शुरू कर देगा। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत उठाया जा रहा है।
इस परियोजना के जरिए भारत दुनिया में इंजन निर्माण का एक बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर होगा। भारतीय रेलवे और वेबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड का यह संयुक्त उद्यम पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए इंजन तैयार कर रहा है।
ईएस43 एसीएमआई लोकोमोटिव का निर्यात होगा मढ़ौरा संयंत्र वैश्विक ग्राहकों को इवोल्यूशन सीरीज ईएस43 एसीएमआई के लोकोमोटिव की आपूर्ति करेगा। इस लोकोमोटिव में 4500 एचपी इवोल्यूशन सीरीज का इंजन है, और विशेष रूप से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों के लिए बनाया गया है। इसमें ईंधन की खपत कम होती है और यह बेहतरीन प्रदर्शन देता है। मढ़ौरा संयंत्र 2025 में इन इंजनों का निर्यात शुरू कर देगा।
रेलवे के अनुसार, यह परियोजना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
बता दें कि यह कारखाना 2018 में शुरू हुआ था। इस रेल कारखाना का शिलान्यास 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने किया था। इसका उद्देश्य भारतीय रेलवे के लिए आधुनिक इंजन बनाना था। यह कारखाना लगभग 600 लोगों को रोजगार देता है और हर साल भारतीय रेलवे को 100 इंजन मुहैया कराता है। इसने बिहार में औद्योगिक विकास को भी तेजी दी है।