बिहार ने दर्ज किया नया रिकॉर्ड, लगभग सभी वार्डों में ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत पहुंचा साफ पानी

Patna Desk

बिहार में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है। राज्य सरकार के अनुसार, प्रदेश के कुल 30,207 वार्डों में से 29,779 वार्डों में अब ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत सुरक्षित और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि इस योजना से 46.51 लाख से अधिक परिवारों को साफ पानी मिल रहा है, और शेष वार्डों को जल्द ही योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे कुल 47.68 लाख परिवारों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

मंत्री ने बताया कि बिहार के सभी 4,709 आर्सेनिक प्रभावित वार्डों में ‘हर घर नल का जल’ का कवरेज पूरा हो चुका है। वहीं, फ्लोराइड प्रभावित 3,789 वार्डों में से 3,784 वार्डों को भी इस योजना से जोड़ा जा चुका है। आयरन प्रभावित 21,709 वार्डों में से 21,286 वार्डों में भी अब सुरक्षित जल आपूर्ति हो रही है। कुल 46.51 लाख नल-जल कनेक्शन सक्रिय हैं, जिससे लाखों परिवारों को साफ पानी मिल रहा है।

वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन
जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ‘वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोटोकॉल’ लागू किया है। इस प्रोटोकॉल के तहत आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में हर दो महीने में जल परीक्षण होता है, जबकि आयरन प्रभावित क्षेत्रों में हर चार महीने में एक बार जल जांच की जाती है। सामान्य जल गुणवत्ता वाले क्षेत्रों में यह परीक्षण साल में दो बार किया जाता है।

बीआईएस मानकों पर आधारित पेयजल
उपभोक्ताओं को बीआईएस: 10500:2012 के अनुसार स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य, जिला, और प्रमंडल स्तर पर 75 उप-विभागीय, 38 जिला स्तरीय और एक राज्य स्तरीय जल जांच प्रयोगशालाओं में जल की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। 15 जिला जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल की मान्यता भी प्राप्त हो चुकी है, जिससे जल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।

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