बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाले पर बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने राज्यभर में हुए फर्जी नियोजन मामलों की जांच में अब तक ढाई हजार से अधिक फर्जी शिक्षकों की पहचान की है। ब्यूरो ने 106 नए मामले दर्ज किए हैं और जल्द ही दोषी शिक्षकों की गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है।
हाईकोर्ट के आदेश पर जांच शुरू
यह जांच पटना हाईकोर्ट के आदेश (सी.डब्ल्यू.जे.सी. संख्या 15459/2014) के बाद शुरू की गई थी। अदालत के निर्देश पर बिहार सरकार ने वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी ब्यूरो को सौंपी थी। अब तक 6,45,541 प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूरा किया जा चुका है, जिससे राज्य में शिक्षक भर्ती में हुए बड़े पैमाने के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है।
अब तक दर्ज हुए 1681 केस
निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान 1681 आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 2,886 फर्जी शिक्षक अभियुक्त बनाए गए हैं। इन सभी मामलों पर लगातार कार्रवाई जारी है ताकि किसी भी दोषी को बच निकलने का मौका न मिले।
साल 2025 में 106 नए केस
साल 2025 में जनवरी से लेकर 21 अक्टूबर तक 106 नए मामले दर्ज किए गए हैं। हर मामले में एक मुख्य आरोपी नामजद किया गया है। मासिक रिपोर्ट के अनुसार,
- जनवरी में 15,
- फरवरी में 5,
- मार्च में 21,
- अप्रैल में 13,
- मई में 9,
- जून में 6,
- जुलाई में 11,
- अगस्त में 12,
- सितंबर में 8
और अक्टूबर में अब तक 6 मामले दर्ज किए गए हैं।
सरकार की सख्त कार्रवाई जारी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किसी भी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा। सभी मामलों पर निगरानी ब्यूरो की कड़ी नजर है और जल्द ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कुल मिलाकर, यह जांच बिहार के शिक्षा तंत्र में वर्षों से चल रहे फर्जीवाड़े के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। सरकार का दावा है कि शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।