बिहार सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से पटना के नौबतपुर और गया जिले में दो बड़े औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।इन फैसलों को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सरकार की विकासोन्मुखी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। नौबतपुर क्षेत्र, जो पहले शराबबंदी से पूर्व एक बड़ी बीयर फैक्ट्री का केंद्र रहा है, अब वहां 538 एकड़ में एक आधुनिक औद्योगिक हब विकसित करने की योजना है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) द्वारा इस परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।नौबतपुर की भौगोलिक स्थिति इसे उद्योगों के लिए आदर्श बनाती है—यह इलाका पटना रिंग रोड और बिहटा-आरा-सासाराम फोर लेन से जुड़ा हुआ है। नजदीक ही बिहटा ड्राईपोर्ट भी है, जिससे परिवहन और लॉजिस्टिक्स की सुविधा मिलेगी।
यहां खाद्य प्रसंस्करण, पेय पदार्थ, चमड़ा और वस्त्र उद्योगों की असीम संभावनाएं हैं। साथ ही, मानव संसाधन और जल की उपलब्धता पहले से प्रमाणित है।दूसरी तरफ, गया में केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप को हरी झंडी दे दी है। 16,000 करोड़ रुपए की इस मेगा परियोजना से लगभग 1.10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जिसमें 10,000 प्रत्यक्ष नियुक्तियां होंगी। यह टाउनशिप 100 से अधिक छोटे-बड़े उद्योगों का गढ़ बनेगा और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।गया की यह टाउनशिप आधुनिक कनेक्टिविटी से लैस होगी—यह राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और संभावित जलमार्ग नेटवर्क से जुड़ी होगी। साथ ही, बिहटा-दनियावां-सरमेरा रोड और पटना रिंग रोड से भी सीधा संपर्क होगा।इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार के औद्योगिक मानचित्र में बड़ा बदलाव आएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इन योजनाओं से राज्य में निवेशकों के लिए अवसर बढ़े, युवाओं को रोज़गार मिले और बिहार विकास की एक नई दिशा में आगे बढ़े.