NEWSPR डेस्क। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि कांग्रेस जर्जर होकर अस्तित्व संकट के दौर से गुजर रही है। अपनी उपेक्षा के शिकार अलग-थलग पड़े कांग्रेसियों के बागी स्वर फूटने लगे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में बागी तेवर को दबाने की कोशिश की जाती है, तो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बागी स्वर तेज हो जाते हैं। महाराष्ट्र में तो महामिलावट की सरकार है। कश्मीर से केरल तक कांग्रेस की राज्य इकाई के सामने अस्तित्व संकट है।
साथ ही नंदकिशोर यादव ने कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मंत्री और तीन विधायकों ने बुधवार को अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। वहीं, अब केरल कांग्रेस के भीतर भी रस्साकशी तेज हो गयी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी ने ‘कांग्रेस की महारानी’ से नॉमिनेशन के माध्यम से राज्य कांग्रेस के गठन की प्रक्रिया को समाप्त करने और इसे संगठनात्मक चुनावों के माध्यम से पूरा करने की मांग की है। उनसे पहले एक अन्य वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने भी अपने पत्रों के माध्यम से पहले ही इसी तरह की मांग की थी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व का भी यहीं हाल है। ‘कांग्रेस की महारानी’ की बात न तो ‘युवराज’ सुनते, न ही ‘शाहजादी’। फिर भी परिवारवाद और वंशवाद के चंगुल से निकलना कांग्रेस आलाकमान के लिए संभव नहीं है। कांग्रेस में चापलूसी तंत्र इतना प्रभावकारी हो गया है कि आलाकमान को वास्तविक समस्या दिखता ही नहीं।